World Cup Know The History Of Chepauk Stadium Where The Match Between Australia And India

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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आज वर्ल्ड कप का मैच है. पूरे देश की नजर इस मैच पर बनी हुई है. हालांकि, इस मैच के साथ साथ वो स्टेडियम भी बहुत खास है जहां ये मैच हो रहा है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं मुथैया अन्नामलाई चिदम्बरम स्टेडियम की, जिसे आप एम ए चितम्बरम स्टेडियम या चेपॉक स्टेडियम के नाम से भी जानते हैं. आपको बता दें वो कोई आम स्टेडियम नहीं है. इसका जुड़ाव इतिहास से है. चलिए आपको बताते हैं इस स्टेडियम और इसके पिलर्स की खास कहानी.

देश का दूसरा सबसे पुराना स्टेडिय

चेपॉक स्टेडियम, कोलकाता के ईडन गार्डन्स के बाद भारत का दूसरा सबसे पुराना स्टेडियम है. इसे 1916 में बनाया गया था. आपको बता दें, इस स्टेडियम का नाम बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और टीएनसीए के प्रमुख एमए चिदंबरम चेट्टियार के नाम पर रखा गया है. वहीं ये तमिलनाडु क्रिकेट टीम और इंडियन प्रीमियर लीग टीम चेन्नई सुपर किंग्स का घरेलू मैदान भी है. यहां 10 फरवरी 1934 को पहला टेस्ट मैच आयोजित किया गया था. जबकि, 1936 में यहां पहली बार रणजी ट्रॉफी मैच और 1952 में इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय क्रिकेट टीम की पहली टेस्ट जीत हुई थी.

नवाबों से जुड़ा इस स्टेडियम का इतिहास

आज आप जिसे चेपॉक स्टेडियम के नाम से जानते हैं वो कभी आर्कोट के नवाब के महल का मैदान हुआ करता था. दरअसल, इस स्टेडियम के बाहर चेपॉक पैलेस स्थित है, जो 1768 से 1855 तक आर्कोट के नवाब का आधिकारिक निवास हुआ करता था. आपको बता दें, 1859 में मद्रास प्रेसीडेंसी ने एक नीलामी में चेपॉक महल का अधिग्रहण कर लिया था फिर 1865 में फैसला किया गया कि इसके परिसर में एक मंडप बनाया जाएगा. 1866 में वो मंडप बन कर तैयार भी हो गया, लेकिन 1982 आते आते इसे स्टेडियम में तब्दील करने का फैसला किया गया और 1916 तक यहां एक स्टेडियम बन गया.

तीन पिलर्स क्यों खास हैं

आप जैसे ही इस स्टेडियम में प्रवेश करेंगे आपको इसके मुख्य द्वार पर तीन इंडो सेरासेनिक शैली के स्तंभ दिखाई देंगे. ये चेपॉक महल के मैदान से जुड़े अंतिम निशानी के तौर पर देखे जाते हैं. कहा जाता है कि इन स्तंभों का निर्माण नवाब मुहम्मद अली खान वालजाह के शासन काल के दौरान किया गया था. ये देखने में बेहद खूबसूरत हैं. इनपर बनी नक्काशियां आपको उस दौर की याद दिलाती हैं जब ये किसी महल का हिस्सा हुआ करता था.

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