Womens Reservation Bill Passed With Two-thirds Majority In Lok Sabha – महिला आरक्षण बिल लोकसभा में दो-तिहाई बहुमत से पास, समर्थन में 454 और विरोध में पड़े 2 वोट
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गुरुवार को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा. वहां से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साइन के लिए भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा. महिला आरक्षण बिल नई संसद के लोकसभा में पास हुआ पहला बिल भी है.
महिला आरक्षण बिल के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा. लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. ये रिजर्वेशन 15 साल तक रहेगा. इसके बाद संसद चाहे तो इसकी अवधि बढ़ा सकती है. यह आरक्षण सीधे चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए लागू होगा. यानी यह राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा.
Lok Sabha passes Women’s Reservation Bill granting 33% seats to women in Lok Sabha and state legislative assemblies
454 MPs vote in favour of the bill, 2 MPs vote against it pic.twitter.com/NTJz449MRX
— ANI (@ANI) September 20, 2023
गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सवालों का दिया जवाब
महिला आरक्षण बिल पर वोटिंग से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया. शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देशभर में दिया. उन्होंने कहा कि गुजरात में उन्होंने जागरूकता पैदा की. इससे लिंगानुपात में सुधार हुआ था. अमित शाह ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाई का फायदा ये हुआ कि एक ओर लिंगानुपात में सुधार हुआ, दूसरा गुजरात में प्राइमरी एजुकेशन में 37 फीसदी ड्ऱॉपआउट रेशो था, लेकिन जब मोदीजी प्रधानमंत्री बने तो ये ड्रॉपआउट रेशो घटकर 0.7 फीसदी रह गया.
राहुल गांधी बोले- OBC कोटा बिना ये बिल अधूरा
महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में हुई डिबेट में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने हिस्सा लिया. राहुल गांधी ने इस दौरान ओबीसी को भी इस बिल (Women’s Reservation Bill) में शामिल करने की मांग की. उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण के बिना महिला आरक्षण बिल अधूरा है. राहुल गांधी ने कहा, “मेरे विचार से यह विधेयक आज ही लागू किया जा सकता है, लेकिन इसे आगे बढ़ने के मकसद से तैयार नहीं किया गया है.”
कानून मंत्री ने क्या कहा?
महिला आरक्षण बिल पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि परिसीमन को लेकर सवाल खड़ा किया जा रहा है. परिसीमन के सेक्शन 8 और 9 में ये कहा गया है कि संख्या देकर ही निर्धारण होता है. इन तकनीकी चीजों में हम जाएंगे तो आप चाहते हैं कि ये बिल फंस जाए. लेकिन हम इस बिल को फंसने नहीं देंगे. सुप्रीम कोर्ट ने तय किया है कि महिला आरक्षण का विषय हॉरिजोन्टल भी है और वर्टिकल भी है. अब तुरंत तो परिसीमन, जनगणना नहीं हो सकती. आप कह रहे हैं कि तुरंत दे दीजिए.
वसुंधरा राजे बोलीं-महिला जगत के लिए गौरवशाली दिवस
राजस्थान की पूर्व सीएम और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने महिला आरक्षण बिल पास होने पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा, “एक लंबे इंतज़ार के बाद महिला आरक्षण विधेयक ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ को संसद में मंजूरी मिल गई है. इसलिए आज का दिन महिला जगत के लिये एक ऐतिहासिक और गौरवशाली दिवस है. इससे यह सिद्ध हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिला सशक्तीकरण की सिर्फ बात ही नहीं करते, वे इस दिशा में दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ काम करके भी दिखाते हैं. इस बिल के माध्यम से मोदी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि मातृशक्ति सम्पूर्ण राष्ट्र की ताकत है. जिसके बिना भारत के नव निर्माण की कल्पना बेमानी है. वंदन मोदी जी…अभिनंदन मोदी जी..”
तीन दशक से अटका था महिला आरक्षण बिल
संसद में महिलाओं के आरक्षण का प्रस्ताव 3 दशक से अटका हुआ था. पहली बार 1974 में महिलाओं की स्थिति का आकलन करने वाली समिति ने इस मुद्दे को उठाया. इसके बाद 2010 में मनमोहन सरकार ने राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण बिल को बहुमत से पारित करा लिया था. लेकिन तब सपा और आरजेडी ने महिला आरक्षण बिल का विरोध किया. दोनों पार्टियों ने तत्कालीन UPA सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी थी. इसके बाद बिल को लोकसभा में पेश नहीं किया गया.
महिला आरक्षण बिल कानून बन भी गया तो क्या फंसा है पेंच
आला सरकारी सूत्र के मुताबिक, महिला आरक्षण 2029 के लोकसभा चुनाव से संभव हो सकता है. आरक्षण को अमली जामा पहनाने के लिए लंबी संवैधानिक प्रक्रिया है. इस बिल को 50 प्रतिशत राज्य विधानसभाओं की मंजूरी की जरुरत नहीं है. यानी संसद से पास होने और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये कानून बन जाएगा. लेकिन सरकार सबसे पहले नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के रूल्स नोटिफाई करेगी. इसके बाद जनगणना का काम शुरू होगा. उसके बाद परिसीमन आयोग लोकसभा और विधानसभा परिसीमन का काम पूरा करेगा. महिला आरक्षण कानून जनगणना और परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लागू होगा.
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