Who Is Fitness Icon Ankit Bayanpuriya Who Joined The Cleanliness Campaign With PM Modi? – कौन हैं पीएम मोदी के साथ स्वच्छता अभियान में शामिल हुए फिटनेस आइकन अंकित बैयानपुरिया?

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कौन हैं पीएम मोदी के साथ स्वच्छता अभियान में शामिल हुए फिटनेस आइकन अंकित बैयानपुरिया?

अंकित बैयनपुरिया की यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग है.

नई दिल्ली :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अक्टूबर को मेगा स्वच्छता अभियान (Cleanliness Drive) में हिस्सा लिया. पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा, “स्वच्छ भारत एक साझा जिम्मेदारी है और हर प्रयास मायने रखता है.” पीएम मोदी के साथ फिटनेस इन्फ्लुएंसर अंकित बैयानपुरिया (Ankit Bayanpuriya ) भी अभियान में शामिल हुए. 

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स्वच्छ भारत अभियान का वीडियो साझा करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, “आज, जब देश स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, अंकित बैयनपुरिया और मैंने भी वही किया! केवल स्वच्छता के अलावा, हमने इसमें फिटनेस और खुशहाली को भी शामिल किया है. यह सब स्वच्छ और स्वस्थ भारत की भावना के बारे में है!”

आईए अब अंकित बैयनपुरिया के बारे में थोड़ा और जानते हैं.

हरियाणा में जन्मे फिटनेस प्रेमी अंकित बैयनपुरिया (अंकित सिंह) अपने देसी वर्कआउट के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में उन्होंने अपनी “75-दिवसीय कठिन चुनौती” के लिए सुर्खियां बटोरीं. यह मानसिक स्वास्थ्य और अनुशासन पर केंद्रित थी.

अंकित बैयानपुरिया की “75-दिवसीय कठिन चुनौती” अमेरिकी इंटरप्रेन्योर एंडी फ्रिसेला से प्रेरित थी. समाचार एजेंसी आईएएनएस से उन्होंने कहा, “फिटनेस पर मेरे व्यक्तिगत शोध के दौरान मुझे अमेरिकी उद्यमी एंडी फ्रिसेला के 75-डे हार्ड चैलेंज का वीडियो मिला. मैंने अपने वर्कआउट में इसी तरह की तकनीकों का इस्तेमाल करने का फैसला किया.”

यह कम ही लोगों को पता है कि अंकित बैयनपुरिया एक पूर्व देसी पहलवान हैं. उनके पिता किसान और उनकी मां गृहिणी हैं.

अंकित बैयनपुरिया की यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग है. इंस्टाग्राम पर उनके फॉलोअर्स महज 28 दिनों में 10 लाख से बढ़कर 37 लाख हो गए. उन्होंने कहा था, ”एक महीने से भी कम समय में 27 लाख फॉलोअर्स बढ़ने से मैं भी हैरान हूं. मैं बहुत आभारी हूं. एक मात्र संदेश जो मैं अपने फॉलोअर्स को देना चाहूंगा वह यह है कि केवल शारीरिक ताकत बढ़ाने का प्रयास न करें, मानसिक शक्ति बहुत अहम है और यह केवल आध्यात्मिकता से ही आती है. इसलिए ‘भगवत गीता’ पढ़ें और ध्यान करने का प्रयास करें.”



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