What Will BJP Do With These Powerful Leaders Who Will Retire From Rajya Sabha – राज्यसभा से रिटायर होने वाले अपने कद्दावर नेताओं का क्या करेगी बीजेपी..?
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कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान, मनसुख मांडविया, अश्विनी वैष्णव, हरदीप सिंह पुरी, नारायण राणे, पुरुषोत्तम रूपाल जैसे नौ मंत्रियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इनमें राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर, वी मुरलीधरन और एल मुरुगन भी शामिल हैं, जबकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल तीसरी बार राज्य सभा में हैं. भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान, रूपाला, मांडविया और नड्डा दो बार से राज्यसभा के सांसद हैं.

चुनाव लड़ने की तैयारी में ये राज्यसभा सांसद
धर्मेंद्र प्रधान अपने गृह राज्य ओडिशा से चुनाव लड़ने की तैयारी में और अश्विनी वैष्णव वैसे तो राजस्थान के रहने वाले हैं, लेकिन उनका कार्यक्षेत्र ओडिशा रहा है. वे ओडिशा के बालासोर से चुनाव लड़ सकते हैं. रूपाला और मांडविया के गुजरात से चुनाव लड़ने की चर्चा है. भूपेंद्र यादव हरियाणा से चुनाव लड़ सकते हैं. निर्मला सीतारामण के तमिलनाडु और पीयूष गोयल के महाराष्ट्र से लोक सभा चुनाव लड़ने की चर्चा है.
कुछ को लोकसभा का चुनाव लड़ा सकती है BJP
बीजेपी के जिन राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है, उनमें अनिल अग्रवाल, अनिल बलूनी, अशोक वाजपेयी, अनिल जैन, प्रकाश जावडे़कर, कांता कर्दम, सुशील मोदी, समीर ओंराव, सकलदीप राजभर, जीवीएल नरसिम्हाराव, अजय प्रताप सिंह, कैलाश सोनी, विजयपाल सिंह तोमर, डी पी वत्स और हरनाथ सिंह यादव शामिल हैं. बीजेपी इनमें से कुछ को लोकसभा का चुनाव लड़ा सकती है, क्योंकि इनमें से कई को अभी वापस राज्य सभा नहीं लाया जा सकता.
राज्यसभा सीटों का नया समीकरण
नए समीकरण के हिसाब से कांग्रेस को अब हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट का फायदा होगा. बीजेपी मध्य प्रदेश और राजस्थान में अपनी सभी सात सीटें बरकरार रख सकेगी. कांग्रेस राजस्थान और एमपी में मौजूदा एक-एक सीट बरकरार रखेगी. कांग्रेस को तेलंगाना में फायदा होगा, जबकि टीएमसी पश्चिम बंगाल में चार सीटें बरकरार रखेगी, वहां बीजेपी को एक सीट मिलनी है. आम आदमी पार्टी को दिल्ली से फिर से तीन सीटें मिल जाएंगी.
बीजेपी राष्ट्रीय महासचिवों की बैठक 6 तारीख को भाजपा मुख्यालय में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा अध्यक्षता करेंगे. लोकसभा चुनावों की तैयारियों तथा विकसित भारत संकल्प यात्रा की समीक्षा होगी. अयोध्या में 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम तथा 25 जनवरी से शुरू होने वाले पार्टी के राम लला दर्शन अभियान की तैयारियों का जायजा लिया जाएगा. कुछ राज्यों के प्रभारी भी बदले जा सकते हैं.
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