What Percentage Are Vegetarian And Non-vegetarian In Madhya Pradesh
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का पदभार संभालते ही सीएम मोहन यादव एकदम एक्टिव मोड में आ गए हैं. मुख्यमंत्री ने बुधवार को पूजा-अर्चना के बाद अपना पदभार ग्रहण किया. पदभार संभालते ही सीएम का पहला आदेश ऐसा था कि हर कोई हैरान रह गया. सीएम ने आदेश दिया कि राज्य में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाया जाए. उन्होंने आदेश दिया कि सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटा दिए जाएं. उन्होंने यह भी सख्त आदेश दिया कि खुले में मांस बिल्कुल नहीं बेचा जा सकेगा.
क्या मध्य प्रदेश में मीट हो जाएगा बैन?
ऐसे में सवाल ये है कि क्या आने वाले दिनों में सुनने को मिल सकता है कि प्रदेश में मांस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए? अगर ऐसा कोई आदेश आ जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. आइए जानते हैं कि राज्य में कितने प्रतिशत लोग मांस खाते हैं और कितने प्रतिशत लोग मांस नहीं खाते हैं, इससे जुड़ी कुछ जानकारी जानने की कोशिश करते हैं. साथ ही राज्य में कितने प्रतिशत मांस का उत्पादन होता है?
प्रदेश में कितने प्रतिशत लोग हैं मांसाहारी?
मध्य प्रदेश के बारे में यह धारणा बनाई जाती है कि यह शाकाहारी राज्य है और यहां शाकाहारी लोगों की जनसंख्या अधिक है. लेकिन आंकड़े इसके उलट बताते हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में लगभग दो में से एक व्यक्ति मांसाहारी है यानी वो मांस का सेवन करता है. आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि पंजाब,हरियाणा औऱ राजस्थान की तुलना में प्रदेश में मीट खपत ज्यादा है. भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) बेसलाइन सर्वेक्षण 2014 के आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य की लगभग 50% आबादी शाकाहारी है और लगभग इतनी ही संख्या में लोग मांसाहारी हैं.
प्रदेश में हर साल कितना होता है मीट का प्रोडक्शन?
वहीं, एसआरएस सर्वेक्षण से पता चला कि भारत में 71% आबादी मांसाहारी है जबकि 28.85% शाकाहारी है. मांस उत्पादन के संबंध में सीईआईसी की रिपोर्ट पर नजर डाले तो, 2022 में 127.040 टन मांस का उत्पादन हुआ और ये आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले दो साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2021 में 116.340 टन और 2022 में 127.040 टन उत्पादन हुआ.
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