What Is The Reason For Removing Senior Officers Of Nine States Together Before The Lok Sabha Elections – चुनाव से पहले नौकरशाहों पर चला EC का डंडा! 9 राज्यों के बड़े अफसरों को एक साथ हटाने की वजह क्या?
[ad_1]
निर्वाचन आयोग ने सोमवार को गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के गृह सचिवों को हटाने का आदेश दिया. वहीं आयोग ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कुमार के भी तबादले का निर्देश दिया. साथ ही मिजोरम और हिमाचल प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग के सचिवों को भी हटा दिया गया है. चुनाव आयोग के इस आदेश के बाद कई राज्यों में हलचल तेज हो गई है.
यह भी पढ़ें
चुनाव आयोग की अलग-अलग प्रदेशों में हो रही इस कार्रवाई की कई वजहें बताई जा रही हैं. हालांकि निर्वाचन आयोग लोकसभा चुनाव में सभी पार्टियों को समान अवसर मुहैया कराने को कारण बता रहा है.
सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के डीजीपी को स्थानांतरित करने का फैसला इसलिए लिया गया, क्योंकि अधिकारी को पहले भी राज्य में 2016 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाव प्रबंधन संबंधी ड्यूटी से हटा दिया गया था.

आयोग ने बंगाल के मुख्य सचिव को राजीव कुमार को ‘गैर-चुनाव’ संबंधित कार्य पर तैनात करने के लिए कहा है. आयोग ने साथ ही अंतरिम व्यवस्था के रूप में कुमार से वरीयता के क्रम में ठीक नीचे वाले एक अधिकारी को डीजीपी के रूप में तैनात करने का निर्देश दिया है. वहीं राज्य को तीन ऐसे अधिकारियों के नाम भेजने के लिए कहा गया है, जिन्हें डीजीपी के रूप में तैनात किया जाएगा.
लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के कुछ दिनों बाद आयोग ने बृह्नमुंबई महानगरपालिका के आयुक्त इकबाल सिंह चहल, अतिरिक्त आयुक्तों और उपायुक्तों को भी हटाने का भी आदेश दिया.
आयोग ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि वे चुनाव संबंधी कार्यों से जुड़े उन अधिकारियों का तबादला करें, जिन्होंने पद पर तीन साल पूरा कर लिया है या अपने गृह जिलों में तैनात हैं. इसको लेकर महाराष्ट्र ने कुछ नगर निगम आयुक्तों, अतिरिक्त आयुक्तों और उपायुक्तों के संबंध में निर्देशों का पालन नहीं किया था.

इसके बाद आयोग ने नाखुशी जताते हुए महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को सोमवार शाम छह बजे तक रिपोर्ट देने के निर्देश के साथ ही बीएमसी के आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्तों एवं उपायुक्तों का स्थानांतरण करने का आदेश दिया.
ये आदेश मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्तों – ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के बीच सोमवार को हुई बैठक के बाद आया है.
निर्वाचन आयोग ने शनिवार को लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा कर दी. इस बार चुनाव 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होंगे और मतगणना चार जून को होगी.
[ad_2]
Source link