What Is Affirmative Action: Why US Supreme Court Ruled Against It – क्या है एफ़रमेटिव एक्शन, जिसके ख़िलाफ़ US सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फ़ैसला…?

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310fmou8 what is affirmative What Is Affirmative Action: Why US Supreme Court Ruled Against It - क्या है एफ़रमेटिव एक्शन, जिसके ख़िलाफ़ US सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फ़ैसला...?

आइए, आपको बताते हैं, एफ़रमेटिव एक्शन के बारे में हर वह बात, जिसे जानना ज़रूरी है…

क्या है एफ़रमेटिव एक्शन…?

एफ़रमेटिव एक्शन का उद्देश्य चुनिंदा नस्लों और जातियों से जुड़े लोगों के ख़िलाफ़ सदियों से चले आ रहे पूर्वाग्रह का मुकाबला करना था. उच्च शिक्षा के संदर्भ में, एफ़रमेटिव एक्शन आमतौर पर यूनिवर्सिटी परिसर में अश्वेत, हिस्पैनिक और अन्य अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की तादाद बढ़ाने के उद्देश्य से प्रवेश नीतियों में इस्तेमाल किया जाता रहा है.

नस्ल को ध्यान में रखने वाले कॉलेजों और विश्वविद्यालयों का कहना है कि वे ऐसा एक समग्र दृष्टिकोण के हिस्से के तौर पर करते हैं, जो किसी भी आवेदन में ग्रेड, टेस्ट स्कोर और पाठ्येतर गतिविधियों सहित हर पहलू की समीक्षा करता है.

नस्ल का ध्यान रखने वाली नीतियों का लक्ष्य सभी विद्यार्थियों के शैक्षिक अनुभव को बेहतर करने के लिए छात्र विविधता को बढ़ाना है. विविधता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्कूल तरह-तरह के भर्ती कार्यक्रमों और छात्रवृत्तियों को भी अपनाते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में चला मुकदमा सिर्फ दाखिले पर केंद्रित था.

कौन से शैक्षणिक संस्थान नस्ल और जातीयता को ध्यान में रखते हैं…?

हालांकि कई स्कूल अपनी प्रवेश प्रक्रियाओं के बारे में खुलासा नहीं करते, लेकिन नस्ल को ध्यान में रखना उन चुनिंदा स्कूलों में अधिक आम है, जो अपने अधिकांश आवेदकों को अस्वीकार कर देते हैं.

नेशनल एसोसिएशन फॉर कॉलेज एडमिशन काउंसिलिंग के 2019 के सर्वेक्षण में लगभग एक चौथाई स्कूलों ने कहा था कि प्रवेश पर नस्ल का ‘काफी’ या ‘मध्यम’ प्रभाव था, जबकि आधे से अधिक स्कूलों के मुताबिक, नस्ल की कोई भूमिका नहीं.

नौ राज्यों में सार्वजनिक कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश नीति में नस्ल के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई है : एरिज़ोना, कैलिफ़ोर्निया, फ्लोरिडा, इडाहो, मिशिगन, नेब्रास्का, न्यू हैम्पशायर, ओक्लाहोमा और वाशिंगटन.

मौजूदा मुकदमे में क्या मुद्दा है…?

सुप्रीम कोर्ट ने दो मामलों में फैसला सुनाया है, जो स्टूडेंट्स फॉर फेयर एडमिशन्स द्वारा लाए गए थे. यह रूढ़िवादी कानूनी रणनीतिकार एडवर्ड ब्लम की अध्यक्षता वाला समूह है, जो एफ़रमेटिव एक्शन के ख़िलाफ़ सालों से लड़ रहे हैं.

एक मामले में तर्क दिया गया कि हार्वर्ड की प्रवेश नीति एशियाई-अमेरिकी आवेदकों के साथ गैरकानूनी रूप से भेदभाव करती है. दूसरे ने दावा किया कि यूनिवर्सिटी ऑफ़ नॉर्थ कैरोलाइना श्वेत और एशियाई-अमेरिकी आवेदकों के साथ गैरकानूनी रूप से भेदभाव करती है.

स्कूलों ने उन दावों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया कि नस्ल केवल कुछ ही मामलों में निर्धारक है और इस परम्परा को रोक देने से परिसर में अल्पसंख्यक छात्रों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसले में क्या कहा…?

चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने बहुमत के फ़ैसले में लिखा कि हालांकि एफ़रमेटिव एक्शन ‘नेक इरादे से और अच्छे तरीके से लागू किया गया था’, लेकिन यह हमेशा नहीं बना रह सकता, और यह दूसरों के खिलाफ असंवैधानिक भेदभाव है.

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