What Did PM Modi Say While Insisting On Permanent Membership Of UNSC – सबसे अधिक आबादी वाला देश और सबसे बड़ा लोकतंत्र…: UNSC की स्थायी सदस्यता पर जोर देते हुए बोले पीएम मोदी

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0mh9uci8 pm What Did PM Modi Say While Insisting On Permanent Membership Of UNSC - सबसे अधिक आबादी वाला देश और सबसे बड़ा लोकतंत्र...: UNSC की स्थायी सदस्यता पर जोर देते हुए बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने फ्रांसीसी पब्लिकेशन Les Echos के साथ एक इंटरव्यू में ये बात कही. उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद बदली हुई विश्व व्यवस्था के अनुरूप नहीं होने वाली संस्था की असंगति का प्रतीक है. “इसकी विषम सदस्यता के कारण निर्णय लेने की प्रक्रिया अपारदर्शी हो जाती है, जो आज की चुनौतियों से निपटने में इसकी असहायता को बढ़ाती है. मुझे लगता है कि अधिकांश देश इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में क्या बदलाव देखना चाहते हैं, जिसमें भारत की भूमिका भी शामिल है.”  पीएम मोदी ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने भी यह विचार साझा किया.

पीएम मोदी ने आज फ्रांस के लिए उड़ान भरने से पहले दिल्ली में अपने आधिकारिक आवास पर फ्रांसीसी मीडिया से बात की, जहां वह शुक्रवार को बैस्टिल दिवस समारोह में सम्मानित अतिथि होंगे. प्रधानमंत्री ने वैश्विक दक्षिण और पश्चिम के बीच एक पुल के रूप में भारत की भूमिका पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, “ग्लोबल साउथ के अधिकारों को लंबे समय से अस्वीकार कर दिया गया है. परिणामस्वरूप, ग्लोबल साउथ के सदस्यों में पीड़ा की भावना है, कि उन्हें कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया जाता है, लेकिन जब निर्णय लेने की बात आती है तो उन्हें जगह नहीं मिलती है या अपने लिए आवाज उठाएं. वैश्विक दक्षिण में लोकतंत्र की सच्ची भावना का सम्मान नहीं किया गया है.”

पीएम मोदी ने यूक्रेन युद्ध पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अक्सर कही गई अपनी टिप्पणी के बारे में भी विस्तार से बताया कि आज युद्ध का युग नहीं है. उन्होंने दुनिया, विशेषकर ग्लोबल साउथ पर इसके प्रभाव के बारे में गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, संघर्ष अवश्य ख़त्म होना चाहिए. 

“भारत का रुख स्पष्ट, पारदर्शी और सुसंगत रहा है. मैंने कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है. हमने दोनों पक्षों से बातचीत और कूटनीति के माध्यम से मुद्दों को हल करने का आग्रह किया है. मैंने उनसे कहा कि भारत सभी वास्तविक प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है.” इस संघर्ष को समाप्त करने में मदद करें. हमारा मानना ​​है कि सभी देशों का दायित्व है कि वे अन्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें, अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करें और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का पालन करें.”

पीएम मोदी ने कहा, “हमारा निर्यात कभी युद्ध और पराधीनता नहीं रहा, बल्कि योग, आयुर्वेद, अध्यात्म, विज्ञान, गणित और खगोल विज्ञान रहा है. हम हमेशा वैश्विक शांति और प्रगति में योगदानकर्ता रहे हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया तभी प्रगति करती है जब वह पुरातनपंथी और पुरानी धारणाओं को छोड़ना सीखती है, इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या वह “पश्चिमी मूल्यों” को सार्वभौमिक मानते हैं या क्या अन्य देशों को अपना रास्ता खोजना चाहिए.

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