Well Done Shashi Tharoor Praises G20 Sherpa Negotiation With Russia And China – वेल डन…: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने की रूस-चीन के साथ G20 शेरपा की बातचीत की सराहना

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i694vc8g shashi Well Done Shashi Tharoor Praises G20 Sherpa Negotiation With Russia And China - वेल डन...: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने की रूस-चीन के साथ G20 शेरपा की बातचीत की सराहना

नई दिल्‍ली:

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने जी20 शिखर सम्‍मेलन में भारत की उपलब्धि की सराहना की है. शनिवार को यूक्रेन युद्ध पर गुट के रुख पर जी20 नेताओं की संयुक्त घोषणापत्र पर आम सहमति बनाने के लिए चीन और रूस के साथ “बातचीत” के लिए भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत की प्रशंसा की. केरल से लोकसभा सांसद ने अपने आधिकारिक एक्स (पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) अकाउंट पर कहा कि यह जी20 शिखर सम्‍मेलन में भारत के लिए एक “गर्व का क्षण” है.

शशि थरूर ने कहा, “बहुत अच्छा अमिताभ कांत! ऐसा लगता है कि जब आपने आईएएस का विकल्प चुना, तो आईएफएस ने एक उत्कृष्ट राजनयिक खो दिया.”

लगभग 200 घंटे की “नॉनस्टॉप वार्ता” की आवश्यकता…

इससे पहले शनिवार को केरल कैडर के 1980-बैच के आईएएस अधिकारी अमिताभ कांत ने NDTV से बात की और कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर समूह के रुख पर विभाजित जी20 नेताओं की एक संयुक्त घोषणापत्र सुनिश्चित करने के लिए लगभग 200 घंटे की “नॉनस्टॉप वार्ता” की आवश्यकता थी. उन्होंने कहा कि घोषणा कई दौर की बातचीत का परिणाम थी (विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के साथ युद्ध के आर्थिक प्रभाव के बारे में चर्चा से लेकर रूस और चीन के साथ द्विपक्षीय बैठकों तक) और यह सहमति शुक्रवार देर रात ही बनी थी.

शेरपाओं के साथ साझेदारी…

नीति आयोग के पूर्व प्रमुख अमिताभ कांत ने यह भी कहा कि प्रमुख चीज “शेरपाओं के साथ साझेदारी में काम करना” थी और यह उभरते बाजारों का एक संयुक्त प्रयास था (जिसका नेतृत्व भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया और बाद में मैक्सिको, तुर्की और सऊदी अरब), जिसने G7 देशों पर दबाव डाला और उन्हें मेज पर लाया गया.

हम नौ महीने से संघर्ष कर रहे थे- अमिताभ कांत

भारत के जी20 शेरपा ने कहा, “लगभग 200 घंटे तक लगातार बातचीत हुई… बाली पैराग्राफ टूट गया था और हम नौ महीने से संघर्ष कर रहे थे. फिर एक बैठक में, मैंने एक प्‍लेन स्क्रीन लिया और 15 बुनियादी सिद्धांतों को लिखा, जिनका हमें पालन करने की आवश्यकता थी. इसके बाद सभी शेरपा इसमें शामिल हुए और अपना दृष्टिकोण दिया. इसके आधार पर, हमने पहला मसौदा तैयार किया… किसी को वास्तव में उम्मीद नहीं थी कि हम आम सहमति पर पहुंचेंगे. पहले मसौदे पर कई प्रतिक्रियाएं हुईं… लोग निराशावादी थे कि हम रूस और यूक्रेन पर आम सहमति पर पहुंच सकते हैं, क्योंकि दुनिया भर में बहुपक्षीय मंच ऐसा करने में विफल रहे हैं.” 

अमिताभ कांत ने एनडीटीवी को बताया, “पहले मसौदे से हम दूसरे… और तीसरे पर गए. उसके बाद, मुझे लगता है कि प्रत्येक देश के साथ द्विपक्षीय बैठकों से मदद मिली.” 

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