Water hyacinth attacks the life-giving river, people of the area are forced to drink contaminated water – News18 हिंदी

[ad_1]

mandsaur river news Water hyacinth attacks the life-giving river, people of the area are forced to drink contaminated water – News18 हिंदी

शादाब/मंदसौर: शहर की जीवनदायनी यानी कि शिवना नदी जलकुंभी की चपेट में है. हालत यह है कि प्रशासन के द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के बाद भी शिवना नदी से जलकुंभी नहीं हट पाई है. तस्वीरों में साफ तौर से देखा जा सकता है की नदी में पानी नहीं बल्कि जलकुंभी नजर आ रही है. हालांकि वक़्त – वक्त पर नगर पालिका शिवना नदी में सफाई अभियान शुरू तो करती है लेकिन शिवना की सफाई हो उससे पहले ही सफाई अभियान खत्म हो जाता है.

नगर पालिका के दावे हुए खोखले
पिछले कुछ वर्षों से लगातार नगर पालिका के जिम्मेदार शिवना नदी को जलकुंभी से मुक्ति दिलाने के लिए बड़े-बड़े दावे करते आ रहे हैं. जलकुंभी को हटाने के लिए साल 2021 में मशीन का सहारा लेकर भी सफाई करवाई गई और दावा किया गया कि अब शिवना में कभी जलकुंभी नहीं दिखाई देगी लेकिन कुछ ही समय मे शिवना में फिर से जलकुंभी की चादर बिछ गई और जिम्मेदारों के दावे खोखले साबित हो गए. शिवना नदी में फैली गंदगी का खामियाजा कहीं न कहीं आमजनों को दूषित पानी पी कर भुगतना पड़ रहा है.

आपको बता दें कि शिवना नदी विश्व प्रसिद्ध अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ मंदिर के करीब से गुज़र रही है. देश के तमाम राज्यों से यहां श्रद्धालु आते हैं. बावजूद इसके नगर पालिका की उदासीनता बरकरार है.

गंदे नालों का पानी भी अहम कारण
जानकारों के मुताबिक कई जगह शिवना नदी में गंदे नाले का पानी मिल रहा है, जिसके कारण शिवना नदी में नाइट्रेड, कठोरता, कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा अधिक हो रही है. कई बार शिवाना के पानी की जांच में इन तत्वों की मात्रा अधिक पाई गई. यह तत्व जलीय पौधों के लिए भोजन का कार्य करते हैं. यही वजह है कि जलकुंभी को पर्याप्त भोजन मिलता है और यह विशाल रूप में फैलने लगती है.

दर्शन के लिए आते हैं कई देशों के श्रद्धालु
नगर के रहवासी हनीफ शेख ने बताया कि शिवना नदी भगवान पशुपतिनाथ मंदिर से होकर गुजर रही है. भारत ही नहीं दूसरे देशों से भी श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं और वो शिवना में फैली जलकुंभी को देखते हैं. नगर पालिका की उदासीनता के कारण करोड़ो रुपए खर्च के बाद भी जलकुंभी साफ नहीं हो रही है. जलकुंभी होने से दूषित पानी भी नगर वासियों को मिल रहा है.

जिम्मेदारों ने दिया यह जवाब
वहीं नगर पालिका के कार्यपालन यंत्री पी.एस. धार्वे से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि बीच में सफाई करवाई गई थी. पानी फिल्टर करने के बाद ही नगर वासियों को दिया जा रहा है. इस बार जलकुंभी ज्यादा फैल गई है. रतलाम में जलकुंभी साफ करने की मशीन मौजूद हैं. हाल ही में नगर पालिका अध्यक्ष ने रतलाम महापौर से बात की और जल्द ही मशीन मंगवा कर सफाई करवाई जाएगी.

Tags: Latest hindi news, Local18, Madhyapradesh news, Mandsaur news

[ad_2]

Source link

x