UP: जियाउल हक मर्डर केस में बड़ा अपडेट, 10 सालों बाद कुंडा में फिर होगी CBI की दस्तक, गांव छोड़ने की तैयारी में ग्रामीण
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प्रतापगढ़. उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है. मिली जानकारी के अनुसार प्रतापगढ़ के हथिगवां के बलीपुर में 2 मार्च 2013 को प्रधान नन्हे यादव, उसके भाई सुरेश यादव और कुंडा सीओ जिया उल हक हत्याकांड की जांच करने के लिए 10 सालों बाद फिर सीबीआई टीम की दस्तक होने के आसार है. बताया जा रहा है कि सीबीआई टीम आने के साथ ही कुंडा में सरगर्मी भी बढ़ेगी. हत्याकांड की जांच करने के दौरान टीम पूर्व मंत्री व कुंडा विधायक रघुराज प्रताप राजा भैया की भूमिका की जांच भी करेगी.
हालांकि टीम कब आएगी यह निश्चित नहीं हुआ है. वहीं इसी बीच सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार गांव में चर्चा है कि पूछताछ से बचने के लिए कई ग्रामीण क्षेत्र छोड़ने की तैयारी में है. बलीपुर में तिहरे हत्याकांड में दर्ज चार मुकदमे की सीबीआई ने एक साथ विवेचना करते हुए न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किए थे.
जांच के दौरान सीबीआई ने राजा भैया, गुलशन यादव समेत उनके चार सहयोगियों को खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. वर्ष 2014 में ट्रायल कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए जांच जारी रखने के लिए कहा था. हालांकि इस आदेश के बाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी. इस आदेश के खिलाफ सीओ जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की जांच जारी रखने के ट्रायल कोर्ट के निर्णय को बहाल कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई टीम कभी भी बलीपुर आ सकती है. बलीपुर को लेकर कुंडा में इस बात की चर्चा है कि टीम अब कहां से जांच प्रारंभ करेगी, किससे क्या सवाल पूछेगी. इसके कयास लगाए जा रहे हैं. वहीं सीबीआई टीम आए इससे पहले ही बालीपुर में बहुत से लोग अब परदेश और रिश्तेदारों के यहां जाने की गुपचुप तैयारी में है.
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