Uddhav Thackeray Criticized Rahul Narwekar On The Decision Of Disqualification, Said – Will Take The Fight In The Public Court – अयोग्यता के फैसले को लेकर उद्धव ठाकरे ने की नार्वेकर की आलोचना, कहा – जनता की अदालत में ले जाएंगे लड़ाई
[ad_1]
वहीं नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने के अपने फैसले का बचाव किया और कहा कि यह उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये दिशानिर्देशों पर आधारित है.
जून 2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद शिंदे और ठाकरे गुटों द्वारा एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर 10 जनवरी के फैसले को लेकर ठाकरे द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन में निशाना साधे जाने के तुरंत बाद नार्वेकर ने यहां मीडिया से बात की.
‘जनता की अदालत’ वर्ली में आयोजित की गई थी – जो कि उद्धव ठाकरे के बेटे और राज्य के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे का निर्वाचन क्षेत्र है. इसमें शिवसेना यूबीटी के शीर्ष नेताओं और उच्चतम न्यायालय के साथ ही चुनाव आयोग के समक्ष और नार्वेकर द्वारा की गई सुनवाई में भी ठाकरे की कानूनी टीम का हिस्सा रहे वकीलों ने भाग लिया.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने नार्वेकर को ‘धोखेबाज’ करार दिया और उन्हें तथा मुख्यमंत्री शिंदे को इस बात पर सार्वजनिक बहस करने की चुनौती दी कि असली शिवसेना कौन सा गुट है.
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने गत 10 जनवरी को सुनाये गए अपने बहुप्रतीक्षित फैसले में कहा था कि जून, 2022 को जब प्रतिद्वंद्वी समूह अस्तित्व में आये तो शिवसेना का उनके (शिंदे के) नेतृत्व वाला धड़ा ही ‘असली राजनीतिक दल’ (असली शिवसेना) था. नार्वेकर ने इसके साथ ही शिंदे और ठाकरे, दोनों गुटों द्वारा एकदूसरे के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं को खारिज कर दिया था.
ठाकरे ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैं इस लड़ाई को जनता की अदालत में ले जा रहा हूं.’
अपनी बात को साबित करने के लिए ठाकरे ने 2013 और 2018 में पार्टी प्रमुख के रूप में अपने चुनाव के पुराने वीडियो प्रदर्शित किये. एक वीडियो में, नार्वेकर उस पार्टी कार्यक्रम में भाग लेते हुए दिखाई दे रहे हैं जब वह अविभाजित शिवसेना का हिस्सा थे.
ठाकरे ने पूछा कि अगर वह वैध शिवसेना प्रमुख नहीं थे, तो 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद भाजपा ने उन्हें दिल्ली क्यों आमंत्रित किया.
निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए, उन्होंने सवाल किया कि क्या उसने अविभाजित शिवसेना के संविधान को ‘निगल’ लिया है. उन्होंने कहा कि उसे पार्टी सदस्यों के 19.41 लाख हलफनामों पर खर्च किए गए धन की प्रतिपूर्ति करनी चाहिए, जो 100 रुपये के स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर किए गए थे, जो उसने आयोग के समक्ष पहले हुई सुनवाई के दौरान जमा किए थे.
मामले के कानूनी पहलू की देखरेख करने वाली टीम का हिस्सा रहे शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब ने कहा कि 2018 और 2022 के बीच, भारत के निर्वाचन आयोग ने अविभाजित शिवसेना और उद्धव ठाकरे के साथ नियमित रूप से संवाद किया.
नार्वेकर ने अपने फैसले को ठहराया उचित
दूसरी ओर, विधानसभाध्यक्ष नार्वेकर ने अविभाजित शिवसेना के 2018 के संशोधित संविधान को स्वीकार नहीं करने के अपने फैसले को भी उचित ठहराया. उन्होंने कहा कि पार्टी ने तब निर्वाचन आयोग को केवल उद्धव ठाकरे के पार्टी प्रमुख होने के बारे में सूचित किया था, लेकिन संशोधित संविधान प्रस्तुत नहीं किया था.
नार्वेकर ने अपने फैसले में कहा कि शिवसेना का 1999 का संविधान यह तय करने के लिए वैध था कि कौन सा गुट वास्तविक शिवसेना है.
उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों पर था फैसला : नार्वेकर
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा फैसला उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों पर आधारित था.” नार्वेकर ने कहा कि किसी पार्टी द्वारा बनाए गए नियम सिर्फ कागज पर नहीं होने चाहिए बल्कि उन्हें लागू किया जाना चाहिए.
ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य न ठहराने के अपने फैसले को सही ठहराते हुए नार्वेकर ने कहा कि उन्हें जारी किया गया व्हिप ठीक से नहीं भेजा गया था.
उद्धव ठाकरे पर बरसे नार्वेकर
ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए, नार्वेकर ने कहा कि एक ‘अंशकालिक अध्यक्ष या अंशकालिक वकील’ काम नहीं कर सकता है और व्यक्ति को खुद को पूरी तरह से पार्टी के लिए समर्पित करना होगा. नार्वेकर ने कहा कि किसी पार्टी द्वारा बनाए गए नियम सिर्फ कागज पर नहीं होने चाहिए बल्कि उन्हें लागू किया जाना चाहिए, पार्टी का संचालन एक जिम्मेदारी है.
ये भी पढ़ें :
* उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर के ‘असली शिवसेना’ वाले फैसले को SC में दी चुनौती
* शंकराचार्यों पर टिप्पणी के लिए राणे को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए: उद्धव ठाकरे
* “कांग्रेस दमघोंटू और जहरीली हो गई, उसके अच्छे होने की कामना”: NDTV से मिलिंद देवड़ा
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
[ad_2]
Source link