There Is A River In India Where Gold Flows What Does Science Say And How Different Is Religious Belief From This

[ad_1]

भारत में कई नदियां अपने अंदर रहस्यों को संजोए हुए हैं, जहां एक ओर ये नदियां हमें भरपूर जल शुद्ध जल उपलब्ध करवाती हैं तो दूसरी ओर कई नदियों में नहाना पुण्य का काम माना जाता है. इनके इतर क्या आप जानते हैं कि भारत में एक नदी ऐसी भी है जहां सोना बहता है? ये सुनकर आप चौंक गए होंगे न. दरअसल हम बात कर रहे हैं झारखंड में बहने वाली स्वर्णरेखा नदी की. ये नदी झारखंड में बहती है जो 474 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली है. इसे देखने लोग दूर-दूर से आते हैं.

नदी में कहां से आता है सोना?
स्वर्णरेखा नदी में पानी के साथ सोने के कण बहते हैं इसलिए इसका नाम स्वर्णरेखा पड़ गया. ये नदी रांची से लगभग 16 किलोमीटर दूर बहती है. जिसकी लंबाई 474 किलोमीटर है. झारखंड में बहने वाली ये नदी उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ इलाकों से भी गुजरती है. 

वहीं अगर आपके मन में सवाल उठ रहा है कि इस नदी के पानी में सोना आता कहां से है तो भू-वैज्ञानिकों का मानना है कि ये नदी कई चट्टानों से होकर गुजरती है. इसी दौरान घर्षण के चलते सोने के कण पानी में घुल जाते होंगे और वो नदी के पानी के साथ बहने लगते हैं.

क्या कहती है महाभारत काल की कथा
हालांकि धार्मिक रूप से इस नदी में सोना बहने का कारण वैज्ञानिक कारणों से बिल्कुल अलग है. महाभारत काल के अनुसार प्राकृतिक छटा के बीच हजारों सालों से मौजूद स्वर्णरेखा के उद्गम स्थल रानी चुंआ का अपना ही इतिहास है. कहा जाता है कि पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान कुछ समय यहां गुजारा था. इस दौराना पांडवों की माता कुंती को प्यास लगी और उन्होंने अपने पुत्रों से जल लाने के लिए कहा. लेकिन, वहां जल को कोई स्रोत नहीं मिला. इसके बाद माता कुंती ने पुत्र अर्जुन को आदेश दिया और फिर अर्जुन ने तीर मारकर भूगर्भ से पवित्र जल निकाला, जमीन से निकले इसी पानी से माता कुंती अपनी प्यास बुझाई. 

मान्यता है कि अर्जुन के चलाए तीर का वेग इतना तेज था कि इस निर्मल पवित्र जल के साथ छोटे-छोटे सोने के कण भी निकलने लगे. उसी समय से इस नदी को स्वर्णरेखा चुंगा के नाम से जाना गया. वहीं अर्जुन के चलाए तीर के चलते उससे निकले जल का वेग इतना तेज था कि ये नदी बन गई. बाद में ये झारखंड प्रदेश की सबसे लंबी नदी स्वर्णरेखा के नाम से प्रसिद्ध हुई. बीतते समय के बाद भी इस नदी का पानी कभी कम नहीं हुआ जो आज भी निरंतर बह रहा है.

यह भी पढ़ें: आखिर चाइनीज मांझे में ऐसा क्या है, जो कई शहरों में है बैन… ऐसा बनता है?

[ad_2]

Source link

x