Success Story: आठ बीघा का खेत से पाले 4 बच्चे, गरीब पिता की बेटी बनी थानेदार
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खेती और संतरे के बाग से होने वाली कमाई से ही दो वक्त की रोटी से लेकर, बच्चे की पढ़ाई, जिंदगी में सब अच्छा बुरा वक्त काटते हैं. बेटी की कामयाबी से घर की स्थिति कुछ बेहतर होने की उम्मीद है. एक बेटी की कामयाबी से बाकी भाई-बहनों को भी हौसला मिला है. बंशीलाल उम्मीद कर रहे हैं, जैसे एक बिटिया कामयाब हुई, बाकी बच्चे भी होंगी. अब तो उन्हें रास्ता दिखाने के लिए कामयाब बहन भी है.
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