Scientists Have Found Two Underworlds Know Distance Patallok

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Patallok: धरती से लेकर स्पेस तक की दौड़ में इंसान काफी आगे निकल गया है. दुनिया के कई देश स्पेस में अपने मिशन को सफल करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं. हाल ही में भारत ने भी एक सफल मिशन चांद पर भेजा था. क्या आपको पता है कि वैज्ञानिक सिर्फ आसमान में ही नहीं धरती के नीचे भी खोज करने में लगे हैं. हाल ही में वैज्ञानिकों ने दो पाताल लोक का पता लगा लिया है. आज की स्टोरी में हम आपको यह बताएंगे कि यह रिपोर्ट कहां के वैज्ञानिकों ने तैयार की है और उसकी क्या सच्चाई है?

पता चला दो पाताल लोक

चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की टीम ने पृथ्वी की गहराई में दबे दो पाताल लोक की खोज की है. इनका निर्माण 4.5 अरब साल पहले हुआ था. वैज्ञानिकों का दावा है कि ये पाताल लोक धरती के मेंटल के नीचे 2900 किमी की गहराई में मौजूद हैं. बंगाली रामायण में पाताल लोक की दूरी 1000 योजन बताई गई है, जो लगभग 12,800 किलोमीटर है. यह दूरी सुरंग के माध्यम से भारत व श्रीलंका की दूरी के बराबर है. धरती से पाताल लोक तक पहुंचने के लिए 70 हज़ार योजन (लगभग 9 लाख 10 हजार किलोमीटर) की गहराई पर जाना पड़ता है. 

हिन्दू धर्म में पाताल लोक की स्थिति पृथ्वी के नीचे बताई गई है. नीचे से अर्थ समुद्र में या समुद्र के किनारे. पाताल लोक में नाग, दैत्य, दानव और यक्ष रहते हैं. ऑस्ट्रेलिया में एक जगह का नाम कूबर पेडी है. इसे धरती के पाताललोक के नाम से भी जाना जाता है. यहां ज़्यादातर घर ही जमीन के अंदर बने हुए हैं. चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के खगोलशास्त्री, होंगपिंग डेंग ने बताया कि इन दोनों ग्रहों का निर्माण पृथ्वी के निर्माण के समय ही हुआ था, और यह हो सकता है कि इनका जन्म पृथ्वी के बनावट के साथ हुआ था.

यह ग्रहों की मूल धारणा है कि धरती के उत्थान और उसके बनावटी प्रक्रियाओं की एक परिणाम हो सकता है. पृथ्वी ने करीब 450 करोड़ वर्षों से स्वयं को विकसित किया है और यह आज भी स्वयं को सुधारती जा रही है. इसके पीछे होने वाले मैंटल के परिवर्तन का यह एक परिणाम हो सकता है.

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