Ratva disease becomes a problem for farmers’ crops, thus prevent it in time – News18 हिंदी
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आशीष त्यागी/बागपत: किसानों की पकी पकाई फसल को सफेद रतवा या बारहसिंगा रोग तेजी से खराब कर रहा है. इस रोग से बचाव के प्रबंध जान लेना ही फसल का असली बचाव है. यह रोग काफी तेजी से फैलता है और पत्तियों को और तने को बहुत जल्दी खराब कर देता है. पत्तों पर सफेद रंग का पाउडर जैसा कीट लगना शुरू होता है, जो पूरे पौधे को जल्द ही अपनी चपेट में ले लेता है. कृषि वैज्ञानिक ने इससे बचाव के उपाय बताएं हैं और किसानों को जागरूक किया है.
खेकड़ा कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक शिवम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सरसों की फसल लगभग पककर तैयार होने जा रही है. ऐसे में किसानों के लिए सफेद रतवा ( बारह सिंघा) रोग परेशानी बन चुका है. यह रोग सर्दी और बरसात के बाद तेजी से फैलना शुरू हुआ है. इसकी पहचान किसान अपने खेत में पहुंचकर कर सकते हैं. पौधे की निचली सतह पर पत्तियों में यह रोग लगना प्रारंभ होता है. पत्तियां सफेद पड़ती हैं और पाउडर जैसा कीट नजर आने लगता है. यह धीरे-धीरे पूरे पौधे को चपेट में लेना शुरू करता है और पौधे को पूर्ण रूप से खराब कर देता है. जैसे ही किसानों को यह कीट दिखाई दे, तो तुरंत इसके प्रबंध शुरू कर दें, अगर एक-दो पौधों में यह दिखाता है तो उसे पौधे को उखाड़ कर तुरंत खेत से बाहर कर दें.
सरसों में सफेद रतुआ रोग से बचाव के उपाय
अगर खेत में ऐसा कीट दिखाई दे तो संक्रमित पौधे/पौधे के हिस्से को तोड़ के खेत से हटाकर जमीन में गाड़ दें और संक्रमण 10% से ज्यादा होने पर मेटालैक्सिल 8% + मैंकोजेब 64% डबल्यू पी का 2-2.5 ग्राम/लीटर पानी के हिसाब से 2-3 छिड़काव करना चाहिए, जिससे इस रोग का प्रबंधन हो सके. समय-समय पर किसान अपने खेत में जाकर निगरानी करें, कीट दिखाई देने पर तुरंत इसमें कीटनाशक छिड़काव शुरू कर दे और किसी भी जानकारी के लिए खेकड़ा कृषि विज्ञान केंद्र पर पहुंचकर निशुल्क जानकारी प्राप्त करें.
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Tags: Hindi news, Local18, UP news
FIRST PUBLISHED : February 7, 2024, 14:50 IST
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