Private Property: कौन हैं CJI चंद्रचूड़ से अलग राय रखने वाले जस्टिस सुधांशु धूलिया? फैसले ने बांधे सरकार के हाथ – who is justice Sudhanshu Dhulia disagree with cji dy chandrachud private property union government

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नई दिल्‍ली. सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संविधान पीठ ने प्राइवेट प्रॉपर्टी पर सरकार के अधिकार को लेकर ऐतिहासिक फैसला दिया है. बहुमत से दिए गए इस फैसले में शीर्ष अदालत ने स्‍पष्‍ट कर दिया कि हर निजी संपत्ति पर सरकार का अधिकार नहीं है. साथ ही कोर्ट ने यह भी साफ किया कि सरकार आम भलाई के नाम पर प्राइवेट प्रॉपर्टी का अधिग्रहण नहीं कर सकती है. इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही 46 साल पुराने फैसले को पलट दिया है. CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने यह निर्णय दिया है. हालांकि, संविधान पीठ में शामिल जस्टिस सुधांशु धूलिया CJI चंद्रचूड़ की राय से सहमत नहीं दिखे. उन्‍होंने इसके विरोध में अपना फैसला दिया है.

CJI चंद्रचूड़ के साथ ही 9 जजों की इस संविधान पीठ में जस्टिस ऋषिकेश रॉय, जस्टिस बीवी नागरत्‍ना, जस्टिस सुधांशु धूलिया, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस राजेश बिंदल, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह शामिल थे. जस्टिस बीवी नगरत्‍ना ने बहुमत के फैसले से आंशिक असहमति जताई, जबकि जस्टिस धूलिया मेजॉरिटी फैसले से पूरी तरह से असहमत रहे. दरअसल, इस मामले में संविधान पीठ ने इस बात पर विचार किया कि क्‍या सभी प्राइवेट प्रॉपर्टी संविधान के अनुच्‍छेद 39 B के तहत कम्‍युनिटी के लिए मैटेरियल रिसोर्स है और व्‍यापक जनहित के तहत सरकार निजी संपत्तियों का अधिग्रहण कर सकती है?

FIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 16:05 IST

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