Pregnant Women Are Requesting Doctors To Have A Child On The Day Of Ram Lallas Consecration – रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही हो बच्चे का जन्म, गर्भवती महिलाएं डॉक्टरों से कर रही हैं अनुरोध
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कानपुर:
अयोध्या में राम मंदिर (Ram temple in Ayodhya) के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर हर तरफ उत्साह देखने को मिल रहा है. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम शुभ मुहूर्त में होना है. इसे देखते हुए कई गर्भवती महिलाएं जिनका प्रसव उस दिन के आसपास होना है चाहती हैं कि उस दिन ही उनके बच्चे का जन्म हो. कई गर्भवती महिलाओं ने सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों से सिजेरियन सेक्शन प्रसव कराने का अनुरोध किया है.
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शुभ तारीख पर ही बच्चें के जन्म के लिए लोग करते हैं प्रयास
गर्भवती महिलाओं और उनके परिवार के सदस्यों ने डॉक्टरों से अनुरोध किया है कि भले ही उनकी डिलीवरी की तारीख 22 जनवरी से कुछ दिन पहले या बाद में हो, इसे “शुभ” दिन मानते हुए वो उस दिन ही अपने बच्चे को जन्म देना चाहती हैं. द्विवेदी ने कहा कि गर्भवती माताएं अक्सर पुजारियों से शुभ तारीख और समय का पता लगाती हैं और उस दिन डिलीवरी का अनुरोध करती हैं.
डॉक्टर द्विवेदी ने कहा कि गर्भवती माताएं अक्सर पुजारियों से शुभ तारीख और समय का पता लगाती हैं और उस दिन डिलीवरी का अनुरोध करती हैं. उन्होंने विभिन्न अनुभव सुनाए जहां उन्होंने निर्धारित समय और तारीख पर बच्चों को जन्म दिलवाया. क्योंकि माताओं और परिवार के सदस्यों ने पुजारियों द्वारा दिए गए ‘मुहूर्त’ (शुभ समय) पर प्रसव कराने पर जोर दिया था.
उन्होंने कहा कि माताओं का मानना है कि भगवान राम वीरता, अखंडता और आज्ञाकारिता के प्रतीक हैं, इसलिए मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के दिन पैदा होने वाले शिशुओं में भी वही गुण होंगे. कल्याणपुर की रहने वाली 26 साल की मालती देवी जिनकी डिलीवरी की तारीख 17 जनवरी है, उन गर्भवती माताओं में से एक हैं जिन्होंने कानपुर अस्पताल के डॉक्टरों से यह अनुरोध किया है. उन्होंने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि वह चाहती हैं कि उनके बच्चे का जन्म राम मंदिर में राम लला की मूर्ति के प्रतिष्ठा समारोह के दिन हो. उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि मेरा बच्चा बड़ा होकर सफलता और गौरव हासिल करेगा.”
मनोवैज्ञानिक ने क्या कहा?
मनोवैज्ञानिक दिव्या गुप्ता ने पीटीआई-भाषा को बताया कि लोगों का मानना है कि अगर किसी बच्चे का जन्म शुभ समय पर होता है तो इससे बच्चे के व्यक्तित्व पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. गुप्ता ने कहा, “कभी-कभी धर्म और आध्यात्मिकता व्यक्ति को जीवन के तनावों से निपटने और सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की ताकत देते हैं.
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