Post-poll Violence In Bengal: Interim Stay On Hearing Going On In Lower Courts, SC Seeks Response From Government – बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा : निचली अदालतों में चल रही सुनवाई पर अंतरिम रोक, SC ने सरकार से मांगा जवाब
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पश्चिम बंगाल में 2021 मे राज्य चुनाव के बाद हुई हिंसा मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों में चल रही सुनवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने ये अंतरिम आदेश सीबीआई की उस याचिका पर दिया है, जिसमें सीबीआई ने मांग की है कि राज्य में चुनावों के बाद हुई हिंसा के मामलों की सुनवाई राज्य से बाहर ट्रांसफर कर दी जाए.
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अपनी याचिका में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि राज्य में गवाहों को धमकाया जा रहा है और राज्य की एजेंसियाां मूकदर्शक बनी है. सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय करोल की बेंच ने सीबीआई की इस याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार और दूसरे पक्षकारों से जवाब मांगा है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी.
दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल ने भी सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल कर कहा है कि सीबीआई राज्य सरकार की अनुमति के बिना जांच कर रही है और मुकदमा दर्ज कर रही है. राज्य सरकार की इस याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट सितंबर 2021 मे केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें कथित तौर पर चुनाव के बाद हिंसा के दौरान हुई हत्या और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने यह आदेश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सात सदस्यीय समिति की एक रिपोर्ट के आधार पर दिया था. मई 2021 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद, हिंसा के कारण अपने घरों से भागने वाले कई लोगों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और दावा किया था कि उन्हें सत्तारूढ़ अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के डर से वो अपने घर नही लौट पा रहे हैं.
हाईकोर्ट ने तीन सदस्यीय समिति के गठन का आदेश दिया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य में चुनाव के बाद की हिंसा से विस्थापित लोग अपने घर लौट सकें. इसके बाद NHRC ने सात सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि हत्या और बलात्कार सहित गंभीर अपराधों को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए और ऐसे मामलों की सुनवाई राज्य के बाहर की जानी चाहिए. हालांकि, राज्य सरकार ने NHRC की जांच पर भी ऐतराज जताया था.
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