Param ekadashi 2023 : इस तरह से करें व्रत-पूजा, भगवान विष्णु प्रसन्न होकर देंगे शीघ्र फल, जानें शुभ मुहूर्त और पारण का समय

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3330271 HYP 0 FEATUREIMG 20230810 190708 copy 1200x900 Param ekadashi 2023 : इस तरह से करें व्रत-पूजा, भगवान विष्णु प्रसन्न होकर देंगे शीघ्र फल, जानें शुभ मुहूर्त और पारण का समय

विक्रम कुमार झा/पूर्णिया. परमा या परम एकादशी आज यानी 11 अगस्त को है. इसको श्रेष्ठ माना गया है. इस पर पूर्णिया के पंडित मनोत्पल झा कहते हैं कि इस एकादशी को सभी एकादशी में श्रेष्ठ माना गया हैं. इसे कई लोग परम या परमा एकादशी भी कहते हैं. उन्होंने कहा इस बार एकादशी 11 अगस्त को ही सुबह के 7:42 पर शुरू होकर 12 अगस्त के 8:08 तक रहेगा. लेकिन हिंदू धर्म शास्त्र के मुताबिक सूर्योदय का ही मान्य होता है. जिस कारण लोग 12 अगस्त को पुरुषोत्तम एकादशी का व्रत कर पाएंगे.

अधिकमास होने का अधिक लाभ

मलमास में दो एकादशी होती हैं, पहली कृष्ण पक्ष में आती है. उसे पुरुषोत्तम या परम एकादशी या पुरुषोत्तमी एकादशी भी कहा जाता है. इसके बाद जो एकादशी आएगी, उसे पद्मिनी या कमला एकादशी भी कहते हैं. पंडित मनोत्पल झा कहते हैं कि इस एकादशी का एक संवाद है कि महाभारत तो सभी ने देखा होगा. उसमें पांडव कौरव सभी जब वनवास चले गए. तो वहां भोजन के लिए तरसते थे. तो युधिष्ठिर ने कहा अब क्या होगा? अब भोजन कैसे चलेगा. तो अर्जुन ने इसका हल श्रीकृष्ण से पूछा. तो भगवान कृष्ण ने अर्जुन को बताया कि मलमास आ रहा है. जिसमें यह पुरुषोत्तम एकादशी होगी. अगर इस एकादशी को व्रत किया जाए तो दरिद्रता समाप्त हो जाएगी.

क्या है इस पूजा का महत्व

अधिक मास की परमा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है. यह व्रत रखने से भक्तों को शीघ्र ही फल मिलता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से घर में सौभाग्य और समृद्धि आती है. परम एकादशी को कठिन व्रतों में से एक है. कई लोग इस व्रत को निर्जला भी रखते हैं तो कुछ लोग केवल भगवत चरणामृत लेते हैं.

पूजा और पारण का समय

परमा एकादशी पर पूजा का शुभ मुहूर्त शनिवार, 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 28 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 07 मिनट तक रहेगा. जबकि परमा एकादशी का व्रत पारण 13 अगस्त को सुबह 05 बजकर 49 मिनट से सुबह 08 बजकर 19 मिनट तक किया जाएगा.

साल में कुल होती हैं 24 एकादशी

पंडित मनोत्पल झा कहते हैं कि यह पुरुषोत्तम एकादशी अधिक मास मलमास में होता है. जो अपने आप में विशेष महत्व रखता है. साल में कुल 24 एकादशी होते हैं लेकिन इनको लेकर 26 हो जाता है. वह कहते हैं इस एकादशी में अगर कोई भी व्यक्ति सच्ची श्रद्धा और मन से इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करें, तो निश्चित ही उनके जीवन में सुख शांति वैभव लक्ष्मी एवंकृपा माता लक्ष्मी से मिलती रहेगी.

यह है भगवान विष्णु को मनाने की विधि

इस व्रत में पांच दिनों तक पंचरात्रि व्रत किया जाता है. भक्त पूरी श्रद्धा से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है और दान-दक्षिणा दिया जाता है. कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत और पूजा करता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इस दिन भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव की भी पूजा की जाती है.

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