Magh Shivratri 2024 Date, Shiv Puja Shubh Muhurt, Kab Hai Magh Shivratri  – Magh Shivratri 2024: माघ के महीने में कब रखा जाएगा शिवरात्रि का व्रत, जानिए माघ शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त

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Magh Shivratri 2024: माघ के महीने में कब रखा जाएगा शिवरात्रि का व्रत, जानिए माघ शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त

Magh Shivratri Kab Hai: माघ के महीने में इस दिन रखा जाएगा शिवरात्रि का व्रत. 

Shivratri 2024: सालभर में कुल 12 शिवरात्रि पड़ती हैं यानी हर महीने में एक मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. शिवरात्रि का व्रत पंचांग के अनुसार हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर रखा जाता है. माना जाता है कि फाल्गुन मास में शिवरात्रि पर ही माता पार्वती और भगवान शिव (Lord Shiva) विवाह के बंधन में बंधे थे. मान्यतानुसार जो भक्त शिवरात्रि का व्रत रखते हैं उन्हें आरोग्य का वरदान मिलता है, जीवन से कष्ट दूर होते हैं और योग्य वर या जीवनसाथी की तलाश पूरी होती है. वैवाहिक जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिए भी शिवरात्रि का व्रत रखा जा सकता है. यहां जानिए माघ के महीने में किस दिन मासिक शिवरात्रि या माघ शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा और पूजा किस मुहूर्त में होगी. 

माघ शिवरात्रि कब है | Magh Shivratri Date 

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पंचांग के अनुसार, माघ माह की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 8 फरवरी, गुरुवार की सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर हो रहा है और इस तिथि का समापन अगले दिन 9 फरवरी, शुक्रवार की सुबह 8 बजकर 2 मिनट पर हो जाएगा. ऐसे में निशिता मुहूर्त के चलते माघ शिवरात्रि का व्रत 8 फरवरी के दिन ही रखा जाएगा. 

शिवरात्रि की पूजा (Shivratri Puja) निशिता मुहूर्त में होगी. इस शिवरात्रि पर निशिता मुहूर्त देररात 12 बजकर 9 मिनट से 1 बजकर 1 मिनट तक है. इस समयावधि में शिवरात्रि की पूजा की जा सकती है. 

इस दिन ब्रह्म मूहूर्त सुबह 5 बजकर 21 मिनट से 6 बजकर 13 मिनट तक रहेगा, सिद्धी योग रात 11 बजकर 10 मिनट से बना रहेगा और अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक होगा. ये मुहूर्त भी पूजा के लिए शुभ हैं. 

शिवरात्रि पूजा की विधि 

मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) पर सुबह उठकर स्नान किया जाता है. इसके बाद भोलेनाथ के लिए व्रत का संकल्प लिया जाता है. स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. शिवरात्रि पर हरा और सफेद रंग पहनना भी बेहद शुभ होता है. पूजा में भोलेनाथ को फूल, चंदन, बेलपत्र, भांग, धतूरा, दीप, धूप और शहद आदि अर्पित किए जाते हैं. शिव आरती की जाती है, मंत्रों का जाप किया जाता है और भोग लगाकर पूजा की समाप्ति होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)  

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