Loksabha Elections 2024 Bjp Samajwadi Party Who Contest In Mainpuri Allahabad Dimple Yadav Rita Bahuguna Joshi – Analysis : सपा का गढ़ भेदने के लिए BJP का दांव किस पर? क्या इलाहाबाद से कटेगा रीता बहुगुणा का पत्ता

[ad_1]

3ru1on5g dimple yadav akhilesh Loksabha Elections 2024 Bjp Samajwadi Party Who Contest In Mainpuri Allahabad Dimple Yadav Rita Bahuguna Joshi - Analysis : सपा का गढ़ भेदने के लिए BJP का दांव किस पर? क्या इलाहाबाद से कटेगा रीता बहुगुणा का पत्ता

इलाहाबाद सीट (उत्तर प्रदेश)

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर की बड़ी अहमियत है. ये पहले इलाहाबाद कहलाता था. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और दूसरे पीएम लाल बहादुर शास्त्री, मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी और फ़िराक़ गोरखपुरी इलाहाबाद से ही हैं. निराला और हरिवंश राय बच्चन जैसे नामी कवि सभी इलाहाबाद से आए हैं. 

Exclusive : नीतीश कुमार के क्या थे RJD से मतभेद? तेजस्वी ने बताया आखिर उन्होंने क्यों बदला पाला

इलाहाबाद की सीट के बारे में बात करें, तो यहां से लालबहादुर शास्त्री और पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा जीत चुके हैं. इस वक्त बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी यहां की सांसद हैं. 2019 के चुनाव में बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी ने समाजवादी पार्टी के राजेंद्र सिंह पटेल को हराया था. इलाहाबाद सीट में कुल 8,89,056 वोट पड़े थे. रीता बहुगुणा जोशी को 4,94,454 वोट मिले. उनके निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के राजेंद्रसिंह पटेल को 3,10,179 वोट मिले.

इसबार इलाहाबाद में किसपर दांव लगाएगी बीजेपी?

इस बार इलाहाबाद से बीजेपी किसे टिकट देगी? इसपर अटकलें तेज़ हैं. यहां से टिकट पाने वालों में सबसे पहला नाम नंद गोपाल गुप्ता नंदी का चल रहा है. नंदी यूपी के कैबिनेट मंत्री हैं और इस सीट से बीजेपी के प्रबल दावेदार हैं. उनकी पत्नी अभिलाषा गुप्ता नंदी का नाम भी इसी सीट से चर्चा में हैं, जो इस समय प्रयागराज की मेयर हैं. बीजेपी की ओर से तीसरा नाम यहां की मौजूदा सांसद रीता बहुगुणा जोशी का है, जो उत्तर प्रदेश की पूर्व मंत्री भी हैं. रीता बहुगुणा उत्तर प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. इनके पिता हेमवती नंदन बहुगुणा राज्य के मुख्यमंत्री थे. 

Analysis : जीत की हैट्रिक लगा पाएंगी पूनम महाजन? मुंबई की 3 सीटों पर किस पार्टी का कौन उम्मीदवार

कांग्रेस पार्टी किस पर दिखाएगी भरोसा? 

कांग्रेस के पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह इलाहाबाद से टिकट के मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. आराधना मिश्रा का नाम भी लिस्ट में है. मिश्रा रामपुर खास की मौजूदा विधायक हैं और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी की बेटी हैं. इलाहाबाद से तीसरे कांग्रेसी उम्मीदवार के तौर पर मुकुंद तिवारी का नाम चर्चा में है, जो उत्तर प्रदेश कांग्रेस के महासचिव हैं.

मैनपुरी सीट (उत्तर प्रदेश)

अब बात करते हैं उत्तर प्रदेश की मैनसुरी सीट की. ये सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ रही है. इस सीट के वोटरों में यादव सबसे अधिक हैं (करीब 4.5 लाख). उसके बाद शाक्य समाज के लोग आते हैं. समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव यहां से लड़ते आए थे. 2019 का चुनाव भी उन्होंने ने इस सीट से जीता था. उनके निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए. मुलायम की बहू और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव यहां से मौजूदा सांसद हैं. 

डिंपल यादव ने BJP के रघुराज सिंह शाक्य को हराया था. उपचुनाव में  कुल 9,64,554 वोट पड़े थे. डिंपल यादव को 6,17,625 वोट मिले. उनके निकटतम प्रतिद्वंदी रघुराज सिंह शाक्य ने 3,29,489 वोट पाए. इस बार बीजेपी इस सीट को भेदने की कोशिश में है.

डिंपल यादव इस सीट से लड़ेंगी चुनाव

हमारी ग्राउंड रिपोर्ट की जानकारी के मुताबिक, समाजवादी पार्टी की तरफ से मैनपुरी से डिंपल यादव को ही इस बार भी टिकट मिलेगा. 

बीजेपी किस पर खेलेगी दांव?

समाजवादी पार्टी के इस किले को भेदने के लिए बीजेपी प्रेम सिंह शाक्य पर दांव लगा सकती है. लिस्ट में उनका नाम सबसे ऊपर है. शाक्य 2019 में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ इसी सीट से लड़े थे. वो शाक्य समुदाय से आते हैं, जिनकी आबादी यादवों के बाद इस इलाके में सबसे ज़्यादा है. इसके अलावा डिंपल यादव के खिलाफ पिछला उपचुनाव लड़ चुके पूर्व सांसद और पूर्व विधायक रघुराज सिंह शाक्य को बीजेपी मैनपुरी से टिकट दे सकती है. ये भी कहा जा रहा है कि बीजेपी इस सीट से डिंपल यादव को चुनौती देने के लिए किसी फिल्म स्टार या कोई और चर्चित चेहरे को उतार सकती है.

जबलपुर सीट (मध्य प्रदेश)

यूपी के बाद अब बात मध्य प्रदेश की जबलपुर सीट की करते हैं. जबलपुर को मध्य प्रदेश की न्यायिक राजधानी भी कहा जाता है, क्योंकि यहां पर हाईकोर्ट और राज्य न्यायिक अकादमी है. जहां मध्यप्रदेश के न्यायाधीशों को ट्रेनिंग दी जाती है. जबलपुर सीट फिलहाल बीजेपी के कब्जे में है.

क्या BJP ज्योतिरादित्य को देगी सिंधिया परिवार का गढ़, गहलोत के गृह जिले से किसे मिलेगा मौका?

2019 में जबलपुर सीट से BJP के राकेश सिंह जीते थे. राकेश सिंह ने कांग्रेस के विवेक तनखा को हराया था. कुल 12,63,573 वोट पड़े थे. राकेश सिंह को 8,26,454 वोट मिले. उनके निकटतम प्रतिद्वंदी को 3,71,710 वोट मिले. राकेश सिंह की 4,54,744 वोटों से जीत हुई.

कांग्रेस किसे बनाएगी उम्मीदवार?

कांग्रेस के लखन घनघोरिया का नाम इस सीट पर सबसे आगे चल रहा है. घनघोरिया कमलनाथ सरकार में सामाजिक न्याय और कल्याण मंत्री रह चुके हैं. फिलहाल जबलपुर पूर्व क्षेत्र से विधायक हैं. दिनेश यादव का नाम भी चर्चा में है. दिनेश यादव पूर्व पार्षद और नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं. 

बीजेपी के देगी मौका?

जबलपुर सीट पर बीजेपी की तरफ से कई नाम चर्चा में हैं. एडवोकेट प्रशांत सिंह RSS के सक्रिय सदस्य हैं. अगर बीजेपी उन्हें टिकट देती है, तो ये उनका पहला चुनाव होगा. इस सीट पर बीजेपी की ओर से युवा चेहरे आशीष दुबे का नाम भी चर्चा में है. दुबे भारतीय जनता पार्टी ग्रामीण के अध्यक्ष रहे हैं. ये एक पारंपरिक बीजेपी परिवार से आते हैं.

नॉर्थ मुंबई सीट (मुंबई)

आखिर में बात मुंबई की 6 लोकसभा सीटों में से एक सीट नॉर्थ मुंबई की करते हैं. 2019 में यहां से BJP के गोपाल शेट्टी जीते थे. गोपाल शेट्टी ने एक्ट्रेस और कांग्रेस की उम्मीदवार उर्मिला मातोंडकर को हराया था. यहां कुल 9,89,759 वोट पड़े थे. गोपाल शेट्टी के खाते में 7,06,678 वोट आए. उर्मिला को सिर्फ 2,41,431 वोट मिले.

पीलीभीत लोकसभा सीट से खतरे में वरुण गांधी का टिकट? BJP इन पर लगा सकती है दांव

बीजेपी किसे बनाएगी प्रत्याशी?

ये सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. इस चुनाव में बीजेपी फिर से गोपाल शेट्टी पर दांव लगा सकती है. हालांकि, शेट्टी की उम्र 70 हो चुकी है. दूसरा नाम विनोद तावड़े का चल रहा है. तावड़े नॉर्थ मुंबई लोकसभा के अंदर आने वाली बोरिवली विधानसभा से 2014-2019 तक विधायक रह चुके है. उनका पीआर (पब्लिक रिलेशन) बड़ा अच्छा माना जाता है. फिलहाल वह राष्ट्रीय महासचिव हैं.

नॉर्थ मुंबई सीट पर तीसरा नाम केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का भी चल रहा है. पीयूष गोयल के पास उनके पिता वेद प्रकाश गोयल की विरासत भी है. 

नॉर्थ मुंबई सीट पर फिल्म स्टार गोविंदा का नाम भी चर्चा में है. गोविंदा बीजेपी की सहयोगी आरपीआई से टिकट मांग रहे है. हालांकि, इसकी संभावना बहुत कम है. उन्होंने 2004 में इस सीट से राम नाइक को शिकस्त दी थी.

क्या BJP ज्योतिरादित्य को देगी सिंधिया परिवार का गढ़, गहलोत के गृह जिले से किसे मिलेगा मौका?


 

[ad_2]

Source link

x