Know why verses of Quran are recited during Namaz – News18 हिंदी
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सौरभ वर्मा/रायबरेली: रमजान माह की शुरुआत हो चुकी है. मुस्लिम धर्म में रमजान महीने को पवित्र माह माना जाता है. लोग रोजा रखने के साथ ही मस्जिदों में पहुंचकर नमाज भी अदा करते हैं. इस दौरान मस्जिद में इमाम द्वारा नमाजियों को पवित्र कुरान की आयात भी पढ़कर सुनाई जाती है. ऐसा एक दिन नहीं बल्कि प्रत्येक दिन होता है. इसके पीछे एक बड़ी धार्मिक मान्यता भी है. ऐसा माना जाता है कि माह ए रमजान में रोज़ा रखना ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि इस दौरान प्रतिदिन रोजेदार को नमाज अदा करने के वक्तपवित्र कुरान की आयत सुनना एवं पढ़ना भी बेहद जरूरी होता है.
रायबरेली के शिवगढ़ कस्बा स्थित जामा मस्जिद के पेश इमाम मोहम्मद शकील कादरी के मुताबिक बीते सोमवार के दिनचांद निकलने के बाद सारे मुसलमान जमात के साथ नमाज अदा करने के बाद जब नमाजे तराबी का वक्त आता है, तो उसमें 20 रकात तरावी होती है. उसमें कुरान पाक पढ़ा जाता है. कोई 15 दिन में पूरा कर देता है कोई 27 दिन में पूरा करता है. नमाज अदा करने वाले लोग कुरान पाक सुनते है. इससे उनको अपने जीवन में अच्छाई मिलती हैं. साथ ही उनका परिवार खुशहाल रहता है उन्हे जीवन में कभी कोई कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है. अल्लाह उनकी सदैव रक्षा करता है.
कुरान को पढ़ने से ज्यादा सुनने का है महत्व
इमाम मोहम्मद शकील कादरी बताते हैं कि रमजान ए माह में नमाज के दौरान कुरान पढ़ने से ज्यादा कुरान आयत को सुनना महत्वपूर्ण है. इससे हमारे जीवन में आने वाली कठिनाइयां दूर होती हैं और हमें अपने कार्य में सफलता मिलती है. यह परंपरा 1400 वर्ष पूर्व से अनवरत चली आ रही है. उनके पूर्वज बताते थे कि रमजान माह में नमाज पढ़ना व पवित्र कुरान की आयत सुनना बेहद जरूरी होता है. ऐसा करने से परिवार में सुख समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है.
अल्लाह की किताब है कुरान
पवित्र कुरान अल्लाह की वह किताब है. जिसमें बताया गया है कि आप अपने जीवन में अच्छाई करें दूसरों की भलाई करें और मेहनत के साथ अपना काम करें जिससे अल्लाह आपकी बरकत करेगा.
Disclaimer: यहां पर दी गई सभी जानकारी धर्म गुरु द्वारा बताई गई है Local 18 की टीम किसी बात की पुष्टि नहीं करता है
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Tags: Local18, Raebareilly News
FIRST PUBLISHED : March 13, 2024, 17:06 IST
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