Independence Day 2023 77th Anniversary Of Indias Independence Har Ghar Tiranga Abhiyan Know 15 August Independence Day History And Importance – Independence Day 2023: स्वतंत्रता प्राप्ति की 77वीं वर्षगांठ, घर-घर तिरंग अभियान, जानिए इस दिन का इतिहास और महत्व के बारे में
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Independence Day 2023: स्वतंत्रता प्राप्ति की 77वीं वर्षगांठ
नई दिल्ली:
15 August Independence Day 2023: हम भारतीय हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं. भारत इस साल 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री लाल किले के प्राचीर से तिरंगा लहराते, राष्ट्र गान गाते और देश को संबोधित करते हैं. इस दिन देश के छोटे-बड़े शहर, गांव- कस्बे, सरकारी-प्राइवेट सभी कार्यालयों में तिरंगा फहराने का उत्सव मनाया जाता है. इस दिन कल्चर प्रोग्राम, सेमीनार का आयोजन कर फ्रीडम फाइटरों को श्रद्धांजलि दी जाती हैं, जिन्होंने देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपनी जान गवां दिएं.
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अपने देश में 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस को राष्ट्रीय अवकाश का दिन है, इस दिन सभी सरकारी व प्राइवेट कार्यालयों में कामकाज बंद रहता है. इस मौके पर जगह-जगह कल्चर प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है. राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त रहते हैं, इसलिए स्कूल-कॉलेजों में एक दिन पहले या एक दिन बाद कल्चर प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है. इस दिन स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थानों में क्यूज प्रतियोगिताओं और निबंध लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है.
घर – घर तिरंगा
भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. अमृत महोत्सव के तहत भारत सरकार की और से घर – घर तिरंगा, हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान का उद्देश्य देश के कोने- कोने तक राष्ट्रीय ध्वज पहुंचाना है. भारत सरकार ने यह जिम्मेदारी डाक विभाग को दी है. भारतीय डाक विभाग द्वारा लोगों को ऑनलाइन और ऑफ़ लाइन दोनों माध्यमों में राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगा उपलब्ध कराया जा रहा है.
150 सालों तक शासन
15 अगस्त के इतिहास की बात करें तो ब्रिटिश साम्राज्य ने ईस्ट इंडिया कंपनी के जरिए भारत में 150 वर्षों तक शासन किया. ईस्ट इंडिया कंपनी एक ट्रेडिंग कंपनी थी, जो 1619 में सूरत, गुजरात में स्थापित की गई थी. 1757 में प्लासी की लड़ाई में अपनी जीत के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने देश पर कब्ज़ा कर लिया. अंग्रेजों से देशों को मुक्त कराने के लिए कई राजा-महाराजों ने अपनी जान गवां दी. लक्ष्मी बाई से लेकर महाराणा प्रताप, महात्मा गांधी, भगत सिंह, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, चंद्र शेखर आजाद और कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी. महात्मा गांधी के ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ अभियान के तहत के 1947 में अंग्रेज देश से चले गएं और भारत को आजादी मिली.
जवाहरलाल नेहरू
15 अगस्त, 1947 को प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज फहराया था, बस तब से, हर साल मौजूदा प्रधान मंत्री द्वारा लाल किले से झंडा फहराया जाता है, जिसके बाद राष्ट्र के लोगों को संबोधित किया जाता है. भारतीय स्वतंत्रता विधेयक पहली बार 14 जुलाई 1947 को ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स में पेश किया गया था.
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