How Chandrayaan-3 Lander Vikram Saw Moon Just Before Touchdown ISRO Shares Video – Chandrayaan-3 के लैंडर विक्रम के टचडाउन से पहले कैसा दिखा चांद? ISRO ने जारी किया VIDEO
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नई दिल्ली:
भारत का चंद्रयान-3 बुधवार को चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुका है. लैंडिंग के बाद चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान अब चांद की सतह पर चहलकदमी कर रहा है. इंडियन स्पेस रिसर्च एजेंसी (ISRO) और वैज्ञानिकों ने लैंडिंग के पहले के 20 मिनट को ‘मिनट्स ऑफ टेरर’ बताया था. लेकिन चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर के लिए यह बहुत आसान वक्त साबित हुआ. लैंडर ने न सिर्फ चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की, बल्कि भारत को चांद के साउथ पोल पर लैंड करने वाला दुनिया का पहला देश भी बना दिया. इस बीच इसरो ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें देखा जा सकता है कि टचडाउन से ठीक पहले विक्रम लैंडर को चांद कैसा दिखा.
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इसरो ने गुरुवार को अपने ट्विटर हैंडल (अब X) पर 2 मिनट 17 सेकेंड का वीडियो शेयर किया है. इसरो ने लिखा, “लैंडर इमेजर कैमरे ने टचडाउन से ठीक पहले चंद्रमा की इमेज कैप्चर की.” इमेजर कैमरे से हाई-रिज़ॉल्यूशन वीडियो में चंद्रमा की खूबसूरत सतह दिखाई देती है, जो गड्ढों से भरी हुई है. जैसे-जैसे लैंडर नीचे जाता है, वैसे-वैसे चांद की सतह ज्यादा बड़ी व स्पष्ट नजर आने लगती है.
Here is how the Lander Imager Camera captured the moon’s image just prior to touchdown. pic.twitter.com/PseUAxAB6G
— ISRO (@isro) August 24, 2023
क्लिप के आखिरी कुछ सेकेंड में विक्रम लैंडर को काफी धीमा होते हुए चंद्रमा की सतह को छूते दिखाया गया है.
बुधवार शाम 6 बजकर 04 मिनट पर हुई लैंडिंग
चंद्रयान का लैंडर विक्रम बुधवार शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था. इसरो ने बताया कि लैंडिंग के कुछ घंटे बाद रोवर प्रज्ञान लैंडर से बाहर निकल गया था. रोवर और लैंडर, दोनों ही अच्छी स्थिति में हैं. रोवर चांद पर चहलकदमी शुरू कर चुका है.
चार फेज में हुई लैंडिंग
चंद्रयान-3 की लैंडिंग चार चरणों में की गई- रफ ब्रेकिंग, एल्टीट्यूड होल्ड, फाइन ब्रेकिंग और वर्टिकल डिसेंट. ये सभी बिल्कुल सटीक तरीके से हुए.
प्रज्ञान’ कैसे काम करेगा?
रोवर में दो पेलोड लगे हैं जो पानी और अन्य कीमती धातुओं की खोज में मदद करेंगे. रोवर डेटा जमा करेगा और इसे लैंडर को भेजेगा. लैंडर विक्रम इस डेटा को पृथ्वी तक पहुंचाएगा. डेटा पहुंचाने में चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर की भी मदद ली जाएगी.
मिशन की लाइफ 14 दिन क्यों रखी गई?
चंद्रयान मिशन की लाइफ एक चंद्र दिवस है. चांद का एक दिन पृथ्वी के 14 दिन के बराबर है. लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान 14 दिन तक चांद के साउथ पोल पर अपना काम करेंगे. इसके बाद वहां अंधेरा हो जाएगा. चूंकि, विक्रम और प्रज्ञान केवल धूप में ही काम कर सकते हैं, इसलिए वे 14 दिनों के बाद इनएक्टिव हो जाएंगे. 14 दिन में से दो दिन निकल गए हैं.
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