Holi 2024 Everyone wants to see Holi of Mathura Vrindavan Know when is the best time to go on this day
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Holi 2024: जब भी होली की बात होती है तो सभी के जहन में मथुरा-वृंदावन की होली याद आ जाती है. कृष्ण-राधा की नगरी मथुरा, वृंदावन, बरसाना में बहुत दिनों तक और बहुत खास अंदाज में ये त्योहार मनाया जाता है. जिसमें हर कोई शामिल होना चाहता है. ऐसे में सभी के मन में एक सवाल जरूर उठता है कि आखिर किस दिन यहां होली मनाने जाना सही होता होगा. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं.
कैसी होली मनाना चाहते हैं आप?
अब आप सोच रहे होंगे भला ये कैसा सवाल हुआ. होली तो सिर्फ रंगो की ही होती है. तो बता दें कि यदि आप कृष्ण-राधा की नगरी जा रहे हैं तो ये बात अपने जहन से निकाल दिजिए, क्योंकि यहां होली सिर्फ रंगो की नहीं बल्कि लड्डू, लठमार, फूलों वाली होली, छड़ीमार होली और हुरंगा होली जैसे अलग-अलग तरीकों से इस त्योहार को सेलीब्रेट किया जाता है. तो चलिए जानते हैं क्या होता है इनमें खास.
लड्डू होली
हर साल लड्डू होली बरसाने में मनाई जाती है. जो इस साल 17 मार्च यानी रविवार को मनाई जाने वाली है. इस दिन यहां हुलियारे एक-दूसरे पर लड्डू फेंककर होली मनाते हैं.
लठमार होली
राधा रानी के गांव बरसाने में राधा रानी मंदिर में लठमार होली खेली जाती है. येे होली दुनियाभर में खासी फेमस है. दरअसल लठमार होली बहुत ही अनोखी होती है, जिसमें महिलायें लाठी से पुरषों पर लट्ठ बरसाती है और पुरुष जिन्हें हुरियारे भी कहा जाता है वे ढाल से अपनी रक्षा करते हैं. इस साल बरसाने में 18 मार्च यानी सोमवार को लठमार होली खेली जाएगी.
फूलों वाली होली
वृंदावन में रंग गुलाल के अलावा फूलों वाली होली भी खेली जाती है. इस दिन लोग फूलों को एक-दूसरे पर बरसाते हैं. इस साल 21 मार्च को मथुरा, बरसाना और वृंदावन में फूलों से होली खेली जाएगी. साथ ही इस दिन कृष्ण की जन्मभूमि और मथुरा में भी बेहतरीन रूप से होली मनायी जाएगी.
छड़ीमार होली
गोकुल में मनाई जाने वाली छड़ीमार होली में महिलाएं हाथ में लठ्ठ के बजाए छड़ी बरसाती नजर आती हैं. जिसका मुख्य कारण येे है कि जब भगवान श्री कृष्ण बचपन में गोपियों को परेशान करते थे तो गोपियां उन्हें छड़ी से मारती थींं. अब ये एक परंपरा बन चुकी है. इस साल ये गोकुल में 21 मार्च को मनाई जाएगी.
हुरंगा होली
हुरंगा होली 26 मार्च को बलदेव के दाऊजी मंदिर में खेली जाएगी. ये होली बहुत ही खास होती है. इस दिन भाभियां अपने देवरों के साथ होली खेलती हैं और गीले सुते कपड़ों से उन्हें मारती हैं. इसी परंपरा को हुंरगा होली के नाम से जाना जाता है. ऐसे में आप यदि इनमें से जिस भी होली का आनंद लेना चाहते हैं उस तिथि को उस जगह पर पहुंच जाइए.
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