HC Dismisses Request Of Mahua Moitra To Stop Nishikant Dubey, Anant Dehadrai From Making Bribery Allegations – BJP MP निशिकांत दुबे, वकील अनंत देहाद्राई को रिश्वत के आरोप लगाने से रोकने की महुआ मोइत्रा की याचिका हाईकोर्ट में खारिज

[ad_1]

BJP MP निशिकांत दुबे, वकील अनंत देहाद्राई को रिश्वत के आरोप लगाने से रोकने की महुआ मोइत्रा की याचिका हाईकोर्ट में खारिज

Mahua Moitra: महुआ मोइत्रा…. (फाइल फोटो)

Cash for Query Scam: दिल्ली हाईकोर्ट ने तृणमूल नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra)की याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई को उनके (महुआ मोइत्रा) खिलाफ आरोप लगाने संबंधी बयान देने से रोकने की मांग वाली याचिका ठुकरा दी है. 49 वर्षीय महुआ मोइत्रा को ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में दिसंबर में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था. एथिक्स पैनल ने संसद में मोदी सरकार की आलोचना करने वाले सवाल पूछने के बदले रिश्वत में 2 करोड़ रुपये नकद और “लक्जरी उपहार” लेने के मामले में पूर्व सांसद को पद से हटाने की सिफारिश की थी. उन पर संसदीय वेबसाइट के लिए गोपनीय लॉग-इन क्रेडेंशियल दूसरे को सौंपने का भी आरोप लगाया गया था ताकि हीरानंदानी सीधे प्रश्न पोस्ट कर सकें.

यह भी पढ़ें

बता दें कि इन आरोपों पर महुआ ने रिश्वत लेने की बात से इंकार किया था, लेकिन लॉग इन डिटेल्स शेयर करने की बात उन्होंने स्वीकार की थी. उन्होंने इसे लेकर कहा था कि ये डिटेल्स शेयर करना सांसदों में आम बात है. वहीं महुआ के लोकसभा से निष्कासन को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘अस्वीकार्य’ बताया था और आरोप लगाया था कि बीजेपी की प्रतिशोध की राजनीति ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है.

पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली थी राहत

बता दें कि पिछले महीने महुआ को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली थी. सुप्रीम कोर्ट ने निष्कासन के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया था. अदालत ने कहा था कि महुआ का संसद से निष्कासन बना रहेगा. कोर्ट ने कहा था कि फिलहाल उनको अंतरिम राहत नहीं दी जा सकती.  ये मामला इतना आसान नहीं है. इसके साथ ही अदालत ने महुआ की संसद कार्यवाही में हिस्सा लेने की इजाजत देने की अर्जी को ठुकरा दिया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि मोइत्रा के निष्कासन के खिलाफ अर्जी का परीक्षण करेगा. अदालत ने लोकसभा के महासचिव को नोटिस जारी कर मामले पर जवाब मांगा था. मामले पर अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी.

खाली करना पड़ा था सरकारी बंगला

कैश फॉर क्वेरी मामले में सांसदी जाने के बाद TMC नेता महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला भी खाली करना पड़ा. उन्होंने 19 जनवरी को दिल्ली के टेलीग्राफ लेन स्थित बंगला नंबर 9 बी खाली कर दिया था. महुआ के वकील ने बताया था कि डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स (DoE) के अधिकारी बंगला खाली करवाने आए थे हालांकि, उनके पहुंचने से पहले ही सुबह 10 बजे तक बंगला खाली हो चुका था. डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स ने 16 जनवरी को नोटिस भेजकर महुआ से फौरन बंगला खाली करने को कहा था. इससे पहले डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स ने महुआ को 7 जनवरी और 12 जनवरी को नोटिस भेजा था.

[ad_2]

Source link

x