Hardeep Singh Nijjar Came Into Gurdwara Politics To Avoid Action On Red Corner Notice – हरदीप सिंह निज्जर रेड कॉर्नर नोटिस पर कार्रवाई से बचने के लिए गुरुद्वारा की राजनीति में आया था

[ad_1]

38a6e8po hardeep singh Hardeep Singh Nijjar Came Into Gurdwara Politics To Avoid Action On Red Corner Notice - हरदीप सिंह निज्जर रेड कॉर्नर नोटिस पर कार्रवाई से बचने के लिए गुरुद्वारा की राजनीति में आया था

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने NDTV से कहा, ”हमने अनगिनत बार कनाडाई अधिकारियों के साथ वहां चलने वालीं आतंकी गतिविधियों के बारे में डेटा साझा किया, लेकिन उन्होंने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया.”

भारत ने नवंबर 2014 में निज्जर के खिलाफ RCN जारी किया था

उनके अनुसार भारत पिछले एक दशक से हरदीप सिंह निज्जर का पीछा कर रहा है. भारत ने नवंबर 2014 में उसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस (RCN) भी जारी किया था. उन्होंने बताया कि, “निज्जर के खिलाफ भारत में हत्या और अन्य आतंकवादी गतिविधियों के एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामले हैं. इन मामलों का विवरण कनाडाई अधिकारियों के साथ साझा किया गया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. आरसीएन के बावजूद कनाडाई अधिकारियों ने उसे नो-फ्लाई लिस्ट में डालने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं की.”

NDTV ने निज्जर से जुड़ा वह डोजियर हासिल किया है जो भारतीय अधिकारियों ने कनाडा को सौंपा था. डोजियर के अनुसार निज्जर 1997 में ‘रवि शर्मा’ उपनाम के तहत नकली पासपोर्ट का उपयोग करके कनाडा पहुंचा था. उसने यह दावा करते हुए कनाडा में शरण के लिए आवेदन किया था कि उसे भारत में उत्पीड़न का डर है क्योंकि वह “एक विशेष सोशल ग्रुप, यानी सिख उग्रवाद से जुड़े व्यक्तियों” में से है.

निज्जर ने एक महिला के साथ ‘मैरिज’ एग्रीमेंट किया था

हालांकि इस मनगढ़ंत कहानी के आधार पर उसकी शरण देने की मांग अस्वीकार कर दी गई थी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुलासा किया कि, “उसके दावे को खारिज किए जाने के ठीक 11 दिन बाद उसने एक महिला के साथ ‘मैरिज’ एग्रीमेंट किया, जिसने उसके इमिग्रेशन को प्रायोजित किया था. इस आवेदन को कनाडा में इमिग्रेशन अधिकारियों ने खारिज कर दिया था क्योंकि उक्त महिला भी 1997 में एक अलग पति के प्रायोजन पर कनाडा पहुंची थी. ”

अधिकारी के अनुसार निज्जर ने नामंजूरी के खिलाफ कनाडा की अदालतों में अपील की, हालांकि वह खुद के कनाडा का नागरिक होने का दावा करता रहा. उन्होंने बताया, “निज्जर को बाद में कनाडाई नागरिकता दे दी गई, जिसकी परिस्थितियां साफ नहीं हैं.” 

गुरुद्वारा राजनीति में कदम रखकर कनाडाई नागरिकता हासिल की

हालांकि खुफिया एजेंसियों का दावा है कि आरसीएन से खुद को बचाने और अपने प्रत्यर्पण (extradition) को रोकने के लिए निज्जर ने कनाडा में गुरुद्वारा राजनीति में कदम रखा और कनाडाई नागरिकता हासिल कर ली.

एक अधिकारी ने बताया, “निज्जर अपने चचेरे भाई गुरुद्वारा के पूर्व अध्यक्ष रघबीर सिंह निज्जर से लड़ने और उसे धमकी देने के बाद 2021 में जबरदस्ती गुरुद्वारा अध्यक्ष बन गया. निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स के ‘ऑपरेशन चीफ’ की भूमिका में आ गया.” 

आतंकवादी संगठन के कनाडा चैप्टर की चीफ था निज्जर

एनआईए (NIA) ने निज्जर के खिलाफ कई मामले दर्ज किए जिनमें मनदीप सिंह धालीवाल से जुड़े कनाडा में मॉड्यूल खड़ा करने के लिए आरसीएन भी शामिल है. निज्जर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस के कनाडा चैप्टर से इसके चीफ के रूप में भी जुड़ा था.

एक अधिकारी ने खुलासा किया, “उसने कई बार कनाडा में भारत विरोधी हिंसक विरोध प्रदर्शन आयोजित किए और भारतीय राजनयिकों को खुलेआम धमकी दी. उसने कनाडा में स्थानीय गुरुद्वारों द्वारा आयोजित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में भारतीय दूतावास के अधिकारियों के भाग लेने पर प्रतिबंध लगाने का भी आह्वान किया था.”

[ad_2]

Source link

x