Hanuman Was Big And Actual Diplomat Says Jaishankar Finding Examples In The Indian Context For Things – वो इलियड का रेफरेंस देते हैं तो हम रामायण की बात क्यों न करें : विदेश मंत्री ने हनुमान को बताया बड़ा डिप्लोमेट

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वो इलियड का रेफरेंस देते हैं तो हम रामायण की बात क्यों न करें : विदेश मंत्री ने हनुमान को बताया 'बड़ा डिप्लोमेट'

नई दिल्ली:

भारत की विदेश नीति (India’s Foreign Policy)पर पश्चिमी की ओर से बार-बार सवाल उठाए जाने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar)ने दो टूक सुनाई है. उन्होंने कहा, ”भारत से अलग मत होने के बावजूद पश्चिमी देशों को भारत के साथ रहना सीखना होगा.” विदेश मंत्री ने इस दौरान रेफरेंस के लिए पश्चिमी देशों का उदाहरण लेने के बजाय भारत के महाकाव्यों और किताबों से रेफरेंस लेने की बात कही.

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एस जयशंकर ने कहा, “अगर पश्चिमी देश ग्रीक कवि होमर ( Greek poet Homer) के लिखे महाकाव्य ‘इलियड’ (Iliad)का रेफरेंस देते हैं, तो हम रामायण (Ramayana) की बात क्यों नहीं करें? रामायण में तो डेप्लोमेसी के तमाम रेफरेंस हैं.” विदेश मंत्री ने रामायण के प्रमुख पात्र हनुमान (Lord Hanuman) को सबसे बड़ा राजनियक भी बताया.

NDTV के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया के साथ खास इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया, “हनुमान बड़े राजनयिक थे. वो एक वास्तविक राजनयिक थे, क्योंकि उन्हें दूत के रूप में लंका भेजा गया था. हनुमान के पास एक खुफिया मिशन भी था. उन्हें सीता के बारे में जानकारी हासिल करनी थी.” विदेश मंत्री ने रावण की सोने की लंका जलाने का जिक्र करते हुए कहा, “हनुमान एक सक्रिय राजनयिक थे. लंका से बाहर निकलते समय उन्होंने वहां बहुत नुकसान पहुंचाया.” 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इंटरव्यू के दौरान रावण के दर्शक कक्ष में हनुमान के दिमागी खेल के बारे में भी बताया. जयशंकर ने कहा, “हनुमान राजा रावण और उनके मंत्रियों की तुलना में ऊंचे स्थान पर बैठने में कामयाब रहे. इसमें से बहुत कुछ आज भी प्रासंगिक है.”


विदेश मंत्री ने कहा, “डिप्लोमेसी एक किस्म का माइंडगेम होता है. रामायण में ऐसे बहुत सारे उदाहरण हैं. इंटरनेशनल रिलेशन में डिप्लोमेसी में आज के जो कॉन्सेप्ट की बात करते हैं, उसमें भी आपको रामायण के उदाहरण मिल जाएंगे. हम गठबंधन (Coliation) की बात करते हैं. ये शब्द कहां से आया? रामायण में वानर सेना का काम एक तरह का Coliation ही तो था.”

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