Eminent Citizens Appeal To Election Commission To Ensure Transparency In Donations To Political Parties – प्रतिष्ठित नागरिकों ने चुनाव आयोग से राजनीतिक दलों के चंदे में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की अपील की

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प्रतिष्ठित नागरिकों ने चुनाव आयोग से राजनीतिक दलों के चंदे में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की अपील की

नई दिल्ली:

पूर्व चुनाव आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह और कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज सहित प्रतिष्ठित नागरिकों ने चुनाव आयोग से मतदान, गिनती की अखंडता और राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज ने कहा कि मतदाता सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) प्रणाली को पूरी तरह से मतदाता-सत्यापन योग्य बनाने के लिए पुन:समीक्षा किया जाना चाहिए.

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उन्होंने कहा, ‘‘वोट को वैध बनाने के लिए एक मतदाता को वीवीपैट पर्ची अपने हाथ में रखनी चाहिए और उसे चिप-मुक्त मतपेटी में डालना चाहिए. परिणाम घोषित होने से पहले सभी निर्वाचन क्षेत्रों के लिए इन वीवीपैट पर्चियों की पूरी गिनती की जानी चाहिए. इस प्रयोजन के लिए, वीपीपैट पर्चियां आकार में बड़ी होनी चाहिए और इस तरह से मुद्रित की जानी चाहिए कि उन्हें कम से कम पांच वर्षों तक संरक्षित किया जा सके.”

पूर्व चुनाव आयुक्त हबीबुल्लाह ने कहा कि समय की मांग को देखते हुए चुनावी प्रणाली को विकसित करना होगा. उन्होंने कहा, हम यह नहीं कह रहे हैं कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को समाप्त कर दिया जाना चाहिए और मतपत्रों पर वापस लाना चाहिए. ऐसे प्रश्न हैं जिसके उत्तर नहीं है और हम संतुष्ट नहीं हैं. इस मौके पर अधिवक्ता प्रशांत भूषण भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि ईवीएम/वीवीपैट मतदान आवश्यक लोकतंत्र सिद्धांतों का अनुपालन नहीं करता है कि प्रत्येक मतदाता को यह सत्यापित करने में सक्षम होना चाहिए कि उसका वोट ‘जैसा मत डाला था, वैसा ही दर्ज किया गया और जैसा दर्ज किया गया वैसा ही गिना गया’.

उन्होंने कहा कि हालांकि, चुनाव आयोग ने सभी ईवीएम में वीवीपैट उपकरण की व्यवस्था की है. इतना ही नहीं वीवीपैट का समय काफी कम कर दिया गया है. सात सेकंड के लिए एक छोटी पेपर की पर्ची दिखाई देती है और फिर गायब हो जाता है तथा इसे गिना भी नहीं जाता. उन्होंने इस आशय का पांच हजार से अधिक नागरिकों द्वारा हस्ताक्षरित एक ज्ञापन भी प्रस्तुत किया और मतदान और गिनती की अखंडता, मतदाता सूची की अखंडता और राजनीति में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की अपनी मांगें रखीं.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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