Election Gandhi: K Kavithas Taunt On Rahul Gandhi, She Herself Told Why She Says So – चुनावी गांधी : के कविता का राहुल गांधी पर तंज, खुद बताया क्‍यों कहती हैं ऐसा

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उन्‍होंने कहा, “हम आज कई राजनीतिक नेताओं के दुर्भाग्यपूर्ण बयान देख रहे हैं. कुछ वर्गों के वोट हासिल करने की यह प्रक्रिया आखिरकार देश को उन तरीकों से विभाजित करेगी जिनकी हम कल्पना तक नहीं कर सकते हैं. उदाहरण के लिए जब कुछ दल ‘सनातन धर्म’ के बारे में बात करते हैं या शौचालय की सफाई करने वाले मजदूरों का अपमान करते हैं.” 

‘सनातन धर्म’ का तंज तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की एक टिप्पणी के संदर्भ में था. वहीं “मजदूरों के अपमान” वाला हिस्सा डीएमके नेता दयानिधि मारन की 2019 क्लिप को लेकर था, जिसमें वह उत्तर प्रदेश और बिहार से नौकरी के सिलसिले में दक्षिण की ओर आने वाले लोगों के बारे में अपमानजनक बातें करते नजर आ रहे थे. तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके और कांग्रेस दोनों I.N.D.I.A. गठबंधन का हिस्सा हैं. 

स्टालिन की टिप्पणी पर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सहित कई भाजपा नेताओं ने टिप्पणियां कीं थी, जिन्होंने उन्हें “हिटलर” कहा था और “उनकी मानसिकता… मलेरिया जितनी गंदी” बताया था. 

बीआरएस प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने कहा, “”इन बयानों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए” साथ ही कहा, ”अगर राहुल गांधी, जो ‘भारत जोड़ो’ की बात करते हैं… यदि उन्होंने शुरू से ही इन्हें गंभीरता से लिया होता, जब ‘सनातन धर्म’ का अपमान किया गया और पूरे भारत में करोड़ों लोगों को चोट पहुंचाई गई तो शायद अन्य बयान नहीं दिए गए होते.”

“मैं उन्‍हें चुनावी गांधी कहती हूं क्‍योंकि… “

उन्‍होंने कहा, “वह इस देशवासियों के प्रति जवाबदेह हैं और मैं उन्हें ‘चुनावी गांधी’ कहती हूं क्योंकि वह चुनाव के अलावा कभी काम नहीं करते हैं. इसलिए मैं उनसे अनुरोध करती हूं, क्योंकि लोकसभा चुनाव आ रहे हैं. लोगों को बताएं कि आप मजदूरों का अपमान नहीं कर रहे हैं और लोग संसद में खड़े होकर कई राज्यों का अपमान नहीं कर सकते. आपको खड़ा होना चाहिए और न केवल ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के साथ ‘पीआर’ करनी चाहिए, बल्कि यह भी कहना चाहिए कि यह गलत है.”

तेलंगाना पर 2014 से शासन करने वाली बीआरएस की हार के कुछ ही हफ्तों बाद इस तरह की तीखी टिप्पणियां आईं हैं. राज्य में दोनों पार्टियों के अलावा भाजपा ने भी हाई-वोल्टेज चुनाव अभियान चलाया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी ‘मिशन दक्षिण’ योजना के हिस्से के रूप में कई बार मौजूद रहे थे. 

गठबंधन के मुद्दे पर छिड़ा था घमासान 

विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा और बीआरएस के बीच भी गठबंधन के मुद्दे पर जमकर आरोप-प्रत्‍यारोप हुआ था. इसकी शुरुआत उस वक्‍त शुरू हुई जब प्रधानमंत्री ने कहा कि केसीआर ने अतीत में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल होने का प्रयास किया था. पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने बीआरएस से कहा, “हम तेलंगाना के लोगों को धोखा नहीं देंगे.”

बीजेपी तक पहुंचा का दूसरा प्रयास !

हालांकि अब जब बीआरएस तेलंगाना में सत्ता से बाहर हो गई है तो के कविता की टिप्पणियों को आगामी लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा तक पहुंचने के दूसरे प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. (इनपुट एजेंसियों से)

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