Dungarpur News: गर्मी का कहर, 300 चमगादड़ों की हुई मौत, बिखरे पड़े शवों से संक्रमण फैलने की आशंका Heat havoc in Dungarpur 300 bats died Scattered dead bodies fear spread of infection
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डूंगरपुर. डूंगरपुर जिले में भीषण गर्मी और लू ने जहां आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर रखा है. वहीं अब इस गर्मी से जीव-जंतुओं की भी जान पर बन आई है. डूंगरपुर शहर के राजकीय पुस्तकालय परिसर में पेड़ों पर बसेरा डाले चमगादड़ों की पिछले 5 दिनों से तापमान बढ़ने से लगातार मौतें हो रही है. यहां के पेड़ों के नीचे और आसपास के क्षेत्र में चमगादड़ों के शव बिखरे पड़े हैं. रोजाना करीब 30 से 50 चमगादड़ दम तोड रहे हैं. अब तक यहां करीब 300 से अधिक चमगादड़ों की मौत हो चुकी है.
चमगादड़ों के शवों के सड़ने से वहां काफी दुर्गंध फैल रही है. कई शवों को आवारा कुत्ते उठाकर अपना भोजन बना रहे हैं. चमगादड़ों के शव सड़ने से यहां के लोगों को संक्रमण फैलने की आशंका सताने लगी है. रियासतकालीन राजकीय पुस्तकालय में 15 से 20 पुराने पेड़ हैं. इन पर वर्षों से सैकड़ों चमगादड़ों का बसेरा है. हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पेड़ पर ही उल्टे लटके अवस्था में ही चमगादड़ों की मौत हो जा रही है.
5 दिन पहले हुआ था मौतों का सिलसिला
आसपास के लोगो का कहना है कि करीब 5 दिन पहले चमगादड़ों की मौतों का सिलसिला शुरू हुआ था. शुरुआती दौर में गर्मी का असर कम था. इसलिए इक्के-दुक्के मरे हुए चमगादड़ नजर आ रहे थे. लेकिन पिछले एक दो दिन से अचानक उनकी मौतों की संख्या में इजाफा हो गया है. वन्य जीव विशेषज्ञ वीरेंद्र सिंह बेडसा का कहना है कि गर्मियों में जब तापमान 45 डिग्री को पार जाने लगता है और हवाएं बहुत ज्यादा गर्म होकर चलती है तो पेड़ों पर उलटा लटककर बसेरा डालने वाले चमगादड़ मरने लग जाते हैं.
चमगादड़ सुबह शाम ही पानी पीते हैं
वन्यजीव विशेषज्ञ के मुताबकि चमगादड़ सुबह-शाम ही पानी पीते हैं और दिन में पेड़ पर लटककर आराम करते हैं. मरे हुए चमगादड़ों के शवों से संक्रमण फैलने से रोकने के लिए इनको जमीन में खड्डा खोदकर दफनाना चाहिए. साथ ही इनकी मौतों को रोकने के लिए बगीचे में या आसपास के क्षेत्र में पानी भर के रखना होगा. फिलहाल चमगादड़ों के शव मौके पर ही पड़े हैं. इसके कारण इन शवों से संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई है.
FIRST PUBLISHED : May 22, 2024, 16:39 IST
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