Disease That Damages The Lungs, Breathing Becomes Difficult, Know The Symptoms, Causes And Treatment Of Silicosis
[ad_1]
Table of Contents
1. तीव्र (Acute)
बड़ी मात्रा में सिलिका के संपर्क में रहने के कारण एक हफ्ते से लेकर 2 साल के समय में एक्यूट सिलिकोसिस के लक्षण दिखाई देते हैं.
2. क्रॉनिक (Chronic)
सिलिका की कम या मध्यम मात्रा के संपर्क में आने के बाद लंबे समय तक समस्याएं दिखाई नहीं देती हैं, लेकिन इसके बाद लक्षण सामने आने लगते हैं. यह सिलिकोसिस का सबसे आम प्रकार है. लक्षण पहले हल्के होते हैं और धीरे-धीरे खराब होने लगते हैं.
3. त्वरित (Accelerated )
बहुत ज्यादा सिलिका वाली धूल के संपर्क में रहने के 5 से 10 साल बाद सिलिकोसिस के लक्षण सामने आते हैं और स्थिति तेजी से बिगड़ जाती है.
किन लोगों का होता है फैटी लीवर? जानिए इस बीमारी की 3 बड़ी वजहें और जोखिम कारक
किन लोगों को होता है सिलिकोसिस का खतरा?
काम के दौरान सिलिका के धूल के संपर्क में आने वाले लोगों को सिलिकोसिस का खतरा ज्यादा होता है. कुछ क्षेत्र की नौकरियों में यह जोखिम ज्यादा होता है. इनमें शामिल हैं-
- खुदाई
- स्टील उद्योग
- भवन निर्माण
- प्लास्टर या ड्राईवॉल इंस्टॉलेशन
- कांच निर्माण
- सड़क मरम्मत
- सैंड ब्लास्टिंग
- सीमेंट से काम
- छत बनाना
- खेती
सिलिकोसिस के लक्षण (Symptoms of Silicosis)
अगर आप सिलिका वाले वातावरण में रहते हैं तो शुरुआती लक्षण हैं:
- तेज खांसी
- कफ
- सांस लेने में परेशानी
बाद में दिखने वाले लक्षण
- सांस लेने में परेशानी
- थकान
- वजन कम होना
- छाती में दर्द
- अचानक बुखार आना
- सांस उखड़ना
- होठ नीले पड़ जाना
सिलिकोसिस का कारण (Causes of Silicosis)
लंग्स में सिलिका जमा होने पर बॉडी का रिएक्शन सिलिकोसिस का कारण होता है. सिलिका वाली धूल में सांस लेने के कारण सिलिका की महीन धूल श्वास नली में जम जाती है. इससे श्वास नली और फेफड़े में घाव बन जाते हैं जिससे लंग्स स्टिफ और डैमेज हो जाते हैं और सांस लेने में परेशानी होने लगती है.
कैसे लग सकता है सिलिकोसिस का पता (How Is Silicosis Diagnosed)
चेस्ट एक्स-रे या सीटी स्कैन: यह टेस्ट फेफड़ों में घावों की जांच करता हैं.
ब्रोंकोस्कोपी: एक लंबी, पतली ट्यूब, जिसके सिरे पर छोटा कैमरा लगा होता है से फेफड़ों की जांच की जाती है.
बायोप्सी: फेफड़े के टिश्यू की बायोप्सी करके सिलिकोसिस के लक्षणों के लिए माइक्रोस्कोपिक जांच की जाती है.
थूक परीक्षण: इससे फेफड़ों की बीमारियों जैसे टीबी आदि की जांच होती है.
सिलिकोसिस से बचाव (prevention of silicosis)
- सिलिका के संपर्क में आने वाले समय को कम से कम करने का प्रयास करें
- काम करने के समय मास्क का उपयोग करें
कार्यस्थल पर सिलिकोसिस से बचाव के उपाय
- ब्लास्टिंग कैबिनेट या उचित वेंटिलेशन का उपयोग.
- सिलिका युक्त ब्लास्टिंग सामग्री में बदलाव.
- ऐसे श्वासयंत्रों का उपयोग जो सिलिका को शरीर के अंदर जाने से रोकते हैं.
- सिलिका धूल के पास कुछ भी खाने पीने से बचें.
- खाने से पहले अपने हाथ और चेहरा धोएं.
सिलिकोसिस का उपचार ( Treatment of Silicosis)
अभी सिलिकोसिस का कोई सटीक उपचार नहीं है केवल लक्षणों को सीमित किया जा सकता है.
इनहेलर स्टेरॉयड फेफड़ों के बलगम को कम करते हैं और श्वास मार्ग को आराम देते हैं.
ऑक्सीजन थेरेपी छोटा ऑक्सीजन टैंक थकान कम करने के लिए एक्स्ट्रा ऑक्सीजन देता है.
बहुत ज्यादा डैमेज फेफड़ों को बदला जाता है.
Vitamin D Deficiency: | विटामिन डी की कमी के लक्षण, कारण, स्त्रोत, स्तर
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
Featured Video Of The Day
मणिपुर मामले पर सप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान क्यों आया बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ का नाम
[ad_2]
Source link