Delhis Vigilance Minister Recommends Removal Of Chief Secretary From The Post In Corruption Case – दिल्ली की विजिलेंस मंत्री ने भ्रष्टाचार मामले में मुख्य सचिव को पद से हटाने की सिफारिश की

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pbfujvho atishi aap Delhis Vigilance Minister Recommends Removal Of Chief Secretary From The Post In Corruption Case - दिल्ली की विजिलेंस मंत्री ने भ्रष्टाचार मामले में मुख्य सचिव को पद से हटाने की सिफारिश की

सिफारिश की गई है कि मुख्य सचिव और डिविजनल कमिश्नर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए. साथ ही इस रिपोर्ट को सीबीआई को भेजा जाए, ताकि वो मामले की जांच कर सके. ED को भी मामले की जांच के लिए कहा जाए. जांच लंबित रहने तक नरेश कुमार और अश्विनी कुमार को सर्विस रूल के तहत निलंबित किया जाए.

रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्य सचिव और जमीन मालिकों के ऐसे संबंध हैं, जिनको खारिज नहीं किया जा सकता. मुख्य सचिव का बेटा करण चौहान अनंत राज ग्रुप के सरीन के व्यवसाय से जुड़ा है. जो जमीन मालिकों का दामाद है. कहा गया कि यहां तक भी लगता है कि मुख्य सचिव के बेटे करण चौहान के अपने व्यवसाय को भी सरीन ने सपोर्ट और प्रमोट किया. इन लिंक की ओर जांच जरूरी है.

रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया है कि पहली नजर में मुख्य सचिव की तत्कालीन डीएम हेमंत कुमार और जमीन मालिकों के साथ मिलीभगत दिखती है. लेकिन विजिलेंस इन्क्वायरी केवल तत्कालीन डीएम हेमंत कुमार के खिलाफ हुई, जिनका पहले ट्रांसफर और फिर उन्हें निलंबित किया गया.

कथुरिया बंधुओं को 897 करोड़ के विंडफॉल गेन होने का अनुमान

मुख्यमंत्री को मिली शिकायत में मुख्य सचिव नरेश कुमार और डिविजनल कमिश्नर अश्वनी कुमार के शामिल होने की बात है, जबकि विजिलेंस रिपोर्ट में तथ्यों पर ध्यान नहीं दिया गया. कथुरिया बंधुओं को 897 करोड़ के विंडफॉल गेन होने का अनुमान है, जबकि विजिलेंस की रिपोर्ट में लगभग 353 करोड़ रुपये का अनुमान था. मुख्य सचिव की भूमिका इसमें संदिग्ध है.

2018 में जमीन के मुआवजा की कीमत तय हुई थी. फरवरी 2019 से लेकर जून 2022 के बीच तीन अलग-अलग डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने उसको नहीं बदला. नरेश कुमार के दिल्ली के मुख्य सचिव बनने के 40 दिन के भीतर हेमंत कुमार को दक्षिण पश्चिम जिला का डीएम बनाया गया. हेमंत कुमार ने दक्षिण पश्चिम जिले का डीएम बनने के 1 साल के भीतर 2018 का मुआवजा 22 गुना बढ़ा दिया.

हेमंत कुमार के खिलाफ विजिलेंस इंक्वारी चीफ सेक्रेटरी या डिविजनल कमिश्नर ने खुद संज्ञान लेकर नहीं करवाई, बल्कि जब इस मुद्दे को NHAI ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में उठाया, तो डिविजनल कमिश्नर और मुख्य सचिव के पास जांच के अलावा कोई रास्ता नहीं था.

मुख्य सचिव के जमीन मालिकों के साथ संबंध- रिपोर्ट

विजिलेंस की इंक्वारी शुरू करने से 6 हफ्ते पहले ही नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गई थी. इसलिए विजिलेंस की इंक्वारी हाईकोर्ट में दाखिल याचिका के दबाव में उठाया गया कदम प्रतीत होती है. मुख्य सचिव के जमीन मालिकों के साथ ऐसे संबंध हैं, जिसको खारिज नहीं किया जा सकता. मुख्य सचिव का बेटा करण चौहान अनंत राज ग्रुप के सरीन के व्यवसाय से जुड़ा है, जो जमीन मालिकों का दामाद है. यहां तक भी लगता है कि मुख्य सचिव के बेटे करण चौहान के अपने व्यवसाय को भी सरीन ने सपोर्ट और प्रमोट किया. इन लिंक की ओर जांच जरूरी है.

विजिलेंस इंक्वारी में इस बात का परीक्षण नहीं किया गया कि कथूरिया ने 2015 में बामनोली में सर्किल रेट के केवल 7% पर जमीन कैसे खरीद ली? ऐसा प्रतीत होता है कि 93 फीसदी बाकी की रकम कैश पेमेंट हुई होगी. इसलिए ये मामला केवल भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग का भी हो सकता है. इसलिए इस मामले में ED की जांच भी होनी चाहिए, लेकिन विजिलेंस जांच में इन तथ्यों को नहीं देखा गया.

क्या है मामला? 

ये मामला दिल्ली के दक्षिण पश्चिम जिले में द्वारका के बामनोली गांव में 19 एकड़ ज़मीन के अधिग्रहण का है, जो द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहित की गई. साल 2018 में इस जमीन के लिए मुआवजे की रकम करीब 42 करोड़ रुपये तय की गई, लेकिन 2023 में दिल्ली के दक्षिण पश्चिम जिले के डीएम हेमंत कुमार ने इसे कई गुना बढ़ाकर 353 करोड़ कर दिया.

इस मामले में मुख्य सचिव पर आरोप इसलिए लग रहे हैं, क्योंकि जिन जमीन मालिकों को इस जमीन अधिग्रहण में बढ़े हुए मुआवजे से फायदा होना था, उनके दामाद की कंपनी में मुख्य सचिव नरेश कुमार का बेटा करण चौहान काम करता है.

मुख्य सचिव नरेश कुमार की तरफ से सोमवार को डिविजनल कमिश्नर अश्विनी कुमार बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस करने आए तो उन्होंने मुख्य सचिव पर लग रहे सभी आरोपी को खारिज किया और कहा कि मुख्य सचिव ने खुद इस मामले में तत्कालीन डीएम हेमंत कुमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करवाई.

हालांकि प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अश्वनी कुमार ने मुख्य सचिव के बेटे और जमीन मालिकों के संबंध को लेकर कहा कि कोई भी व्यक्ति कहीं पर भी काम कर सकता है.

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