CBI Does Not Have Complete Immunity Under RTI, Permission To Give Information On Corruption Allegations: Court – RTI के तहत CBI को पूरी तरह छूट नहीं, भ्रष्टाचार के आरोपों पर जानकारी देने की अनुमति: अदालत

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5ul81oa delhi high CBI Does Not Have Complete Immunity Under RTI, Permission To Give Information On Corruption Allegations: Court - RTI के तहत CBI को पूरी तरह छूट नहीं, भ्रष्टाचार के आरोपों पर जानकारी देने की अनुमति: अदालत

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने 30 जनवरी को पारित एक आदेश में कहा, ‘‘धारा 24 का प्रावधान भ्रष्टाचार और मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों से संबंधित जानकारी आवेदक को उपलब्ध कराने की अनुमति देता है और इसे आरटीआई अधिनियम की दूसरी अनुसूची में उल्लेखित संस्थाओं को प्रदान किए गए अपवाद में शामिल नहीं किया जा सकता है.”

यह आदेश शुक्रवार देर शाम उपलब्ध हो पाया. उच्च न्यायालय ने सीबीआई की उस याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिसमें केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के नवंबर 2019 के फैसले को चुनौती दी गई थी. फैसले में जांच एजेंसी को भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को कुछ जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया गया था.

चतुर्वेदी ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के मेडिकल स्टोर के लिए कीटाणुनाशक और घोल सामग्री की खरीद में कथित भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी मांगी थी.

चतुर्वेदी उस समय एम्स के मुख्य सतर्कता अधिकारी थे, जब उन्होंने ट्रॉमा सेंटर के लिए की जा रही खरीद में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में एक रिपोर्ट भेजी थी. इसके अलावा, चतुर्वेदी ने मामले में सीबीआई द्वारा की गई जांच से संबंधित फाइल नोटिंग या दस्तावेजों या पत्राचार की प्रमाणित प्रति भी मांगी थी.

अधिकारी के मुताबिक, चूंकि सीबीआई ने उनके द्वारा दी गई जानकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की, इसलिए उन्होंने जांच एजेंसी के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) से संपर्क किया.

सीबीआई द्वारा जानकारी देने से इनकार करने के बाद, चतुर्वेदी ने सीआईसी का रुख किया, जिसने केंद्रीय एजेंसी को उन्हें विवरण प्रदान करने का आदेश दिया. इसके बाद सीबीआई ने सीआईसी के 2019 के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया.

सीबीआई ने दलील दी थी कि आरटीआई कानून की धारा 24 पूर्ण प्रतिबंध के रूप में कार्य करती है और एजेंसी को अधिनियम के प्रावधानों से छूट दी गई है. इसने तर्क दिया कि धारा 24 का प्रावधान सीबीआई पर लागू नहीं होता है और एजेंसी अपनी जांच के विवरण का खुलासा नहीं कर सकती है.

उच्च न्यायालय ने कहा कि चतुर्वेदी ने ट्रॉमा सेंटर के स्टोर के लिए कीटाणुनाशक और घोल सामग्री की खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली अपनी शिकायत के संबंध में जानकारी मांगी और यह ऐसा मामला नहीं है, जहां सीबीआई द्वारा एकत्र संवेदनशील जानकारी का खुलासा करना संलिप्त अधिकारियों के प्रतिकूल होगा.

न्यायाधीश ने कहा कि रिकॉर्ड पर ऐसी कोई सामग्री नहीं है, जिससे जाहिर हो कि जांच में शामिल अधिकारियों या अन्य लोगों को खतरा होगा या जांच प्रभावित होगी, ऐसे में अदालत इस मामले में सीबीआई की दलील स्वीकार नहीं कर सकती.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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