Bjp Sending Multiple Messages Through Change In Haryana Top Post After Break Ties With Dushyant Chautala – दुष्यंत को हटाने की जगह BJP ने क्यों बदली अपनी ही सरकार? हरियाणा में चली कौनसी चाल
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हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी सरकार से बाहर हो गए.
चंडीगढ़:
हरियाणा की सरकार (Haryana BJP Government) में बड़ा उलटफेर हो गया है. BJP-JJP का गठबंधन टूटने के बाद मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद बीजपी ने हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष और कुरुक्षेत्र से सांसद नायब सिंह सैनी (Nayab Singh) को नया सीएम बना दिया. BJP-JJP का गठबंधन टूटने के पीछे की वजह लोकसभा सीटों (Haryana Lok Sabha Seats) को लेकर अनबन बताई जा रही है.
कहा जा रहा है कि बीजेपी राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर अपने कैंडिडेट्स उतारना चाह रही थी. लेकिन JJP कम से कम 2 सीटों की मांग कर रही थी. 2019 के चुनाव में JJP राज्य में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. हरियाणा में बीजेपी के 41 विधायक हैं. ऐसे में सियासी संकट को दूर करने के लिए BJP दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) को डिप्टी सीएम पद से बर्खास्त कर सकती थी, लेकिन पार्टी ने ऐसा करने के बजाय CM खट्टर और उनकी कैबिनेट को ही बदलने का रास्ता चुना. आइए जानते हैं कि आखिर BJP के इस फैसले की क्या थी वजह और इससे पार्टी को क्या होगा फायदा:-
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अगर BJP दुष्यंत चौटाला को कैबिनेट से बर्खास्त करती, तो लोकसभा चुनाव से पहले राज्य की आबादी के एक बड़े हिस्से यानी जाट समुदाय के बीच गलत मैसेज जाता. जिसका असर वोट बैंक पर पड़ता. सूत्रों ने कहा कि BJP ने इस नुकसान से बचने के लिए गोलमोल रास्ता अपनाना.
क्या है BJP की रणनीति?
दुष्यंत चौटाला से रिश्ता तोड़कर BJP ने हरियाणा में एक तीर से कई निशाने लगाए हैं. हरियाणा में गैर जाट की राजनीति करने का संदेश दिया गया है. राज्य में गैर जाट 80% और जाट समुदाय 20% हैं. जाहिर तौर पर दुष्यंत चौटाला के अलग लड़ने से जाट वोट बंटेंगे. साफ तौर पर जाट वोट एकतरफा कांग्रेस को नहीं मिल सकेगा. इससे कांग्रेस का भी नुकसान होगा. जबकि जाट वोट बंटने से कुछ सीटों पर BJP को फायदा हो सकता है.
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गैर-जाटों के लिए भी समर्थन
BJP के इस फैसले का दूसरा मैसेज 9 साल सीएम रहे मनोहर लाल खट्टर की जगह भरने के लिए अन्य पिछड़ी जातियों के एक मजबूत नेता नायब सैनी के रूप में दिया गया. सैनी खट्टर के करीबी रहे हैं और उन्हें सीएम बनाने से लोगों के बीच संदेश गया कि पार्टी गैर-जाटों का भी समर्थन करती है.
सूत्रों ने बताया कि चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे और हिसार से बीजेपी सांसद बृजेंद्र चौधरी का पिछले हफ्ते कांग्रेस में शामिल होना भी गैर-जाट समीकरण से जुड़ा है. बता दें कि हरियाणा की करीब 20 प्रतिशत आबादी जाट समुदाय की है, बाकी अन्य समुदायों से आते हैं.
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