apart from sriharikota isro can launch rockets through these points as well
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पिछले कुछ सालों में अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत ने खूब तरक़्क़ी की है. भारत ने अपने ही नहीं बल्कि दूसरे देशों के सैटेलाइट भी अंतरिक्ष में भेजे हैं. भारत में इंडियन रिसर्च स्पेस ऑर्गेनाइज़ेशन यानी इसरो को जब भी कोई सेटेलाइट लॉंच करनी हो तो. आँध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से ही अमूमन की जाती है. इसरो के कई बड़े बड़े मिशन यहीं से लॉंच हुए हैं. लेकिन आपको बता दें श्रीहरिकोटा की इकलौता लॉंचिंग पॉइंट नहीं है भारत में. आइये जानते हैं भारत में और किन प्वाइंट से रॉकेट लॉंच की जा सकती है.
केरल में विक्रम साराभाई अनुसंधान केंद्र
केरल में बना यह अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो का प्रमुख अनुसंधान केंद्र है. इस केंद्र से उपग्रह और प्रोग्राम के लिए रोके और अन्य स्पेस मिशन पर काम किया जाता है. यह केंद्र साल 1962 में बनाया गया था. तब इसका नाम क्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन (टीईआरएलएस) रखा गया था. जिसे बाद में चलकर भारतीय अंतरिक्ष के जनक कहे जाने वाले डॉक्टर विक्रम साराभाई के नाम पर रख दिया गया. बता दें यह केंद्र पूरी तरह से स्वदेशी सुविधा पर संचालित है. इसी केंद्र से भारत ने अपना पहला रॉकेट लॉन्च किया था. इसके साथ ही उड़ीसा में मौजूद अब्दुल कलाम दीप से भी रॉकेट लॉन्च किया जा सकता है.
श्रीहरिकोटा इसलिए है प्रमुख
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र इसरो श्रीहरिकोटा से ही इसलिए सैटेलाइट लॉन्च करता है. क्योंकि यह इक्वेटर के काफी नजदीक है और इसी वजह से इसरो के लिए इसे काफी अहम माना जाता है. साल 1969 में श्रीहरिकोटा को इसरो ने सैटेलाइट लॉन्चिंग के स्टेशन बनाया था. श्रीहरिकोटा से ही सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए मौसम भी एक वजह है. इस जगह का तापमान सामान्य रहता है और यहां हमेशा सुख रहता है. इसलिए यहां रॉकेट लॉन्च करने में कोई वेदर प्रॉब्लम नहीं आती.
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