Ajit Pawar Wife Vs Supriya Sule In Baramati Lok Sabha Seat? Sharad Pawar Reacts – जनता को इमोशनल करने की कोशिश… : बारामती में अजित पवार की पत्नी बनाम सुप्रिया सुले? पर शरद पवार

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005arkp sharad pawar ajit pawar Ajit Pawar Wife Vs Supriya Sule In Baramati Lok Sabha Seat? Sharad Pawar Reacts - जनता को इमोशनल करने की कोशिश... : बारामती में अजित पवार की पत्नी बनाम सुप्रिया सुले? पर शरद पवार

बारामती सीट शरद पवार और सुप्रिया सुले का गढ़ रही है.

खास बातें

  • अजित पवार का सुप्रिया सुले के खिलाफ पत्नी को चुनाव लड़ाने का संकेत
  • भतीजा निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को भावुक करने की कोशिश कर रहा : शरद पवार
  • परंपरागत रूप से बारामती की सीट शरद पवार और सुप्रिया सुले का गढ़ रही है

मुंबई/नई दिल्ली :

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) के बारामती से अपनी चचेरी बहन सुप्रिया सुले (Supriya Sule) के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा को मैदान में उतारने का संकेत देने के एक दिन बाद अनुभवी नेता शरद पवार (Sharad Pawar) ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है. शरद पवार ने कहा कि उनका भतीजा “निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को भावुक करने की कोशिश कर रहा है.” परंपरागत रूप से बारामती की सीट शरद पवार और सुप्रिया सुले का गढ़ रही है. सुप्रिया सुले 2009 से लगातार तीन बार से बारामती निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. 

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पवार ने कहा, “वह यह कहकर लोगों को भावुक कर रहे हैं कि पूरा परिवार एक तरफ है और वह दूसरी तरफ अकेले हैं.”

उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है. अगर कोई उस अधिकार का प्रयोग कर रहा है तो इसके बारे में शिकायत करने का कोई कारण नहीं है. लोग जानते हैं कि हमने पिछले 55-60 वर्षों में क्या किया है.”

अजीत पवार ने कल बारामती के लोगों से “पहली बार” के उम्मीदवार को चुनने की भावनात्मक अपील की. उन्‍होंने कहा, “लोग आपके पास आएंगे और भावनात्मक मुद्दों पर आपसे वोट मांगेंगे, लेकिन यह आप पर निर्भर करता है कि आप भावनात्मक आधार पर वोट देंगे या विकास कार्य जारी रखने और आने वाली पीढ़ियों के कल्याण के लिए.”

अजित पवार गुट ‘असली एनसीपी’ : चुनाव आयोग 

अजित पवार के साथ आठ अन्य विधायकों के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद पिछले साल जुलाई में एनसीपी विभाजित हो गई थी. 

इस महीने की शुरुआत में चुनाव आयोग ने फैसला सुनाया था कि अजित पवार गुट को ‘असली एनसीपी’ के रूप में मान्यता दी जाएगी, जिससे उसे लोकसभा चुनाव और राज्‍य में राज्‍यसभा की छह खाली सीटों के लिए होने वाले चुनावों से कुछ हफ्ते पहले पार्टी के नाम और प्रतीक (घड़ी) पर नियंत्रण मिल गया. 

नाम-चिह्न खोने की चिंता नहीं : शरद पवार 

शरद पवार ने कल कहा था कि उन्हें एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न खोने की उन्‍हें कोई चिंता नहीं है. अजित पवार के विद्रोह का संदर्भ देते हुए उन्‍होंने कहा कि लोगों ने उन लोगों को मंजूरी नहीं दी है, जिन्होंने अलग रास्ता चुना है. पवार ने कहा था कि इन लोगों से यह सुनना “मनोरंजक” है कि वे चले गए क्योंकि वे विकास के लिए काम करना चाहते थे. 

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