AAP Prepares For Long Legal Battle On Delhi Services Bill Arvind Kejriwal Raghav Chadha – संसद में संख्या बल में पिछड़ने के बाद दिल्ली सेवा बिल पर लंबी कानूनी लड़ाई की तैयारी में AAP

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संसद में संख्या बल में पिछड़ने के बाद दिल्ली सेवा बिल पर लंबी कानूनी लड़ाई की तैयारी में  AAP

नई दिल्ली:

दो दिन से जारी गतिरोध के बाद आखिरकार दिल्ली सरकार में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े दिल्ली सेवा बिल पर गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को चर्चा की शुरुआत कर दी. अब सरकार अगले सोमवार को ये बिल राज्य सभा में लाने की तैयारी कर रही है. राज्य सभा में सरकार के पास स्पष्ट बहुमत नहीं है लेकिन YSR कांग्रेस, बीजू जनता दल और TDP के समर्थन के ऐलान के बाद सदन में बिल पारित कराने का रास्ता साफ़ हो गया है.

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इससे सबसे ज़्यादा झटका आम आदमी पार्टी  अरविन्द केजरीवाल को लगा है जो पिछले कई हफ़्तों से बिल के विरोध में ज़्यादा से ज़्यादा समर्थन जुटाने की जद्दोजहद में जुटे थे.राज्य सभा में AAP सांसद राघव चड्ढा ने एनडीटीवी से कहा – हम लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए दिल्ली सर्विसेस बिल का लेजिसलेटिवली भी विरोध करेंगे और कानूनी तौर पर भी फाइट करेंगे. AAP अब इस बिल के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी में है.

“हम कोर्ट में इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे”

राघव चड्ढा ने कहा कि “YSR कांग्रेस पार्टी और बीजू जनता दल कि 2 राज्यों में सरकारें चल रही हैं. मुझे लगता है कि इन दोनों पार्टियों ने शायद किसी मजबूरियों की वजह से दिल्ली सर्विस बिल का विरोध नहीं करने का फैसला किया है. हम सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के सामने अपनी दलील रखेंगे. भारत सरकार द्वारा ऑर्डनेंस लाने के फौरन बाद ही हमने एक पेटीशन दायर कर सुप्रीम कोर्ट में उसे चुनौती दी थी. हम कोर्ट में इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे.”

इस मसले पर भारत सरकार द्वारा आर्डिनेंस जारी करने के बाद से ही AAP लीडर अरविन्द केजरीवाल ने अलग अलग राज्यों में जाकर गैर-एनडीए मुख्यमंत्रियों से समर्थन जुटाने की कोशिश की थी.  विपक्षी दल आम आदमी पार्टी के साथ खड़े तो दिख रहे हैं, लेकिन इस विधेयक के खिलाफ AAP को लम्बी कानूनी लड़ाई लड़नी होगी.

अधीर रंजन चौधरी ने संसद में बिल का किया विरोध

कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि “हमारी शंका इस बात को लेकर है कि देश में सिर्फ एक ही राज्य नहीं है. अगर दिल्ली में इस तरह से छेड़खानी होगी तो आप देश के दूसरे राज्यों में भी ऐसे ही हमला करते रहेंगे”. वहीं सपा संसदीय दल के नेता, रामगोपाल यादव ने NDTV  से कहा कि ये सरकार पार्टियों को तोड़कर, नेताओं को धमका कर अपना काम निकालती है. दिल्ली में जनता के नेता केजरीवाल हैं. अब दिल्ली की जनता का अपमान करते हुए सरकार सारे अधिकार लेफ्टिनेंट गवर्नर को देना चाहती है. ये प्रॉक्सी गवर्नमेंट दिल्ली में चलाना चाहते हैं”. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले ही महीने दिल्ली सेवा अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी की याचिका को पांच जजों की संविधान पीठ के पास भेजा है. अब देखना होगा कि संवेदनशील मसले पर सुप्रीम की संविधान पीठ आगे क्या निर्णय करती है. 

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