Aankhen Kamjor Hone Ke Karan Causes Of Weak Eyesight Ankho Ko Kamjor Karne Wali Adtein

[ad_1]

1. बहुत ज्यादा स्क्रीन टाइम

कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करने या स्मार्टफोन स्क्रॉल करने से आंखें ड्राई हो जाती हैं, धुंधली आंखों की रोशनी और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. डिजिटल स्क्रीन सेफ्टी चश्मे से कंप्यूटर आई स्ट्रेस से निपटा जा सकता है लेकिन आपको अपने स्क्रीन टाइम के घंटों को कम करना होगा. स्क्रीन से दूर देखने के लिए हर बीस मिनट में ब्रेक लें, दूर की किसी चीज को देखें और अपनी आंखों को आराम दें. आपको अपनी आंखों को चिकनाई देने के लिए लगभग दस बार धीरे-धीरे पलकें झपकानी चाहिए.

ये भी पढ़ें: लौंकी, करेला नहीं बल्कि इन 4 चीजों का जूस पीकर घटेगा पेट और कमर का मोटापा, 1 महीने में हो जाएंगे पतले

2. कम पानी का सेवन

अगर आप पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं तो आपकी आंखों में पानी की कमी होने की संभावना ज्यादा होती है. इससे आंखें सूजी हुई, ड्राई और लाल हो जाएंगी. हाइड्रेशन बनाए रखना हमारी आंखों के लिए भी जरूरी है.

3. खराब डाइट

जिस तरह आपको अपने पानी के सेवन पर ध्यान देना चाहिए, उसी तरह आपको अपनी डाइट के बारे में सचेत रहने की जरूरत है. खराब डाइट आपकी आंखों के लिए हानिकारक है. हमारी आंखों की रोशनी के लिए जो फूड्स हेल्दी हैं उनमें पत्तेदार सब्जियां, अंडे, नट्स और सी फूड्स शामिल हैं.

Latest and Breaking News on NDTV

Photo Credit: iStock

4. नींद की कमी

जब कोई रोज छह से आठ घंटे से कम नींद लेना शुरू कर देता है तो आंखों में थकान और तनाव शुरू हो सकता है. आप अकेले नहीं हैं जिन्हें आराम की ज़रूरत है. जब आप पर्याप्त नींद लेते हैं तो आप अपनी आंखों को भी लगातार चिकनाई देने का समय देते हैं.

ये भी पढ़ें: नींबू और शहद का पानी ही नहीं रोज सुबह पी लीजिए ये ड्रिंक्स, चेहरे पर हफ्तेभर में नेचुरल ग्लो देख शीशा भी शर्मा जाएगा

5. आंखों को बार-बार रगड़ना

अगर आप अपनी आंखों को बार-बार रगड़ते हैं तो इससे मायोपिया और ग्लूकोमा की स्थिति खराब हो सकती है, जिसका सीधा असर आपकी आंखों की रोशनी पर पड़ता है.

6. धूम्रपान

धूम्रपान से खराब होने वाली सबसे आम आई कंडिशन रिस्क मैक्यूलर डिजनरेशन, ग्लूकोमा, ड्राई आंई और मोतियाबिंद हैं. धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में मैक्यूलर डिजनरेशन होने की ज्यादा संभावना होती है. धूम्रपान करने वालों में भी मोतियाबिंद होने की संभावना ज्यादा होती है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

[ad_2]

Source link

x