18 साल से जंजीरों में बंधा था युवक, बचे-खुचे खाने पर टिकी रही सांसे, ट्रक चालक का पसीजा दिल, किया ऐसा काम…

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तारा सिंह ठाकुर, पंचकूला. हरियाणा से करीब 18 साल पहले एक लड़के का अपहरण हो गया. अपहरण के बाद लड़के को 18 साल तक जंजीरों से बांधकर रखा गया. घर के बचे-खुचे खाने पर लड़के की सांसे टिकी रहीं. 18 साल बाद जब एक ट्रक ड्राइवर वहां पहुंचा तो उसकी हालत देखकर दंग रह गया. ट्रक ड्राइवर ने लड़के को रेस्क्यू कर पुलिस के पास मदद के लिए छोड़ दिया. अब ट्रक ड्राइवर के इस काम की चौतरफा तारीफ हो रही है. एक युवक ने अपनी जिंदगी के 18 साल बिना कसूर जंजीरों में कांटे. जब एक ट्रक ड्राइवर को इस युवक की कहानी पता लगी तो वह  युवक को कैद से छुड़ा कर राजस्थान से अपने ट्रक में बिठाकर पंचकूला में छोड़ गया.

क्योंकि युवक ने बताया कि आज से 18 साल पहले जिस व्यक्ति ने उसका अपरहरण किया था वह पंचकूला के किसी गांव में रहता था. आरोपी उसका अपहरण कर राजस्थान ले गया. यहां राजस्थान में उसे भेड़ बकरियां चरानी पड़ती और उसके बाद उसे जंजीरों में बांध दिया जाता. भेड़ बकरियों का पानी और बचा-खुचा खाना दिया जाता. इस कहानी का खुलासा तब हुआ जब राजस्थान में भेड़ बकरियां छोड़ने गया एक ट्रक ड्राइवर इस युवक से मिला और देखा कि युवक जंजीरों में बंधा हुआ है.

जब युवक ने अपनी दुख भरी कहानी ट्रक ड्राइवर को सुनाई तो वह ट्रक ड्राइवर युवक को अपने ट्रक में बिठाकर पंचकूला ले आया. कुछ पैसे देकर कहा कि पुलिस के पास चले जाओ वह आपकी मदद करेंगे. थाने का पता पूछते-पूछते युवक पंचकूला के सेक्टर 5 थाने में पहुंचा. जहां पर थाना प्रभारी रुपेश चौधरी से मिला और रुपेश चौधरी ने उसे युवक से बातचीत की. अब थाना प्रभारी रूपेश भी उसे युवक को अपने परिवार से मिलवाने के लिए प्रयास कर रहे हैं.

युवक को अपना नाम तक याद नहीं
आज से 18 साल पहले इस युवक का अपहरण किया गया था. अब उसे अपना नाम तक याद नहीं है. 11 साल की उम्र में पंचकूला के एक गांव से खेलते हुए राजस्थान का एक व्यक्ति अपने साथ ले गया था. इसके बाद उसे दूर खेतों में रखा, जहां पर इस युवक ने 18 साल तक भेड़ बकरियों को चराने का काम किया. उसके बदले में उसे भेड़ बकरियों को दिए जाने वाला पानी और बचा हुआ खाना दिया जाता था. उसके बाद उसे फिर से जंजीर में बांध दिया जाता था.

परिवार के बारे में भी नहीं है कुछ भी याद
पीड़ित युवक ने बताया कि 8 साल पहले एक व्यक्ति उसे पंचकूला के एक गांव से उठाकर ले गया था. उसे अपने परिवार के बारे में भी ज्यादा कुछ याद नहीं है. लेकिन पीड़ित ने बताया कि मेरे पिता परचून की दुकान चलाया करते थे. साथ ही खेती करते थे. युवक ने बताया कि वह पंचकुला के पास के किसी गांव का रहने वाला है. हालांकि उसे अब कुछ भी याद नहीं है. युवक ने बताया कि उसके पिता के चार बच्चे थे. तीन बहनों के साथ वह अकेला भाई था.

परिवार की खोज में जुटी पुलिस
सेक्टर 5 थाना प्रभारी रुपेश चौधरी ने बताया कि युवक ने अपनी दर्दभरी कहानी बयान की है. उसे अपने परिवार के बारे में कुछ भी याद नहीं है. लेकिन पुलिस अब उसकी मदद के लिए तैयार है. पुलिस ने पंचकूला के आस-पास के गांवों में युवक की पहचान भिजवाना शुरू कर दिया है. अब जल्द ही उम्मीद है कि युवक का परिवार उसे मिल जाएगा.

Tags: Haryana news, Rajasthan news

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