15 साल बाद छलका आमिर खान के भांजे का दर्द, 'Kidnap' को लेकर खोले कई राज, कहा- संजय दत्त संग काम करना…
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नई दिल्ली. बॉलीवुड एक्टर इमरान खान (Imran Khan) ने करीब 15 साल पहले बॉलीवुड में कदम रखा था. उनकी डेब्यू फिल्म ‘जाने तू या जाने ना’ (Jaane Tu… Ya Jaane Na) थी. यह फिल्म साल 2008 में रिलीज हुई थी. हालांकि बेहद कम लोग जानते हैं साल 2008 में इमरान खान के हाथ एक नहीं बल्कि दो फिल्में हाथ लगी थी. ‘जाने तू या जाने ना’ के अलावा उनके पास फिल्म ‘किडनैप’ (Kidnap) थी. इस फिल्म में इमरान पहली बार सुपरस्टार संजय दत्त (Sanjay Dutt) के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर किया था. इस फिल्म को रिलीज हुए करीब 15 साल हो गए हैं. अब 15 साल बाद इमरान ने इस फिल्म को लेकर जो खुलासा किया है वह काफी हैरान करने वाला है. उन्होंने अपने हालिया सोशल मीडिया पोस्ट में इस फिल्म के बारे में बहुत सारी बातें की. इसके साथ ही उन्होंने खुलासा कि उन्होंने ये फिल्म दोबारा देखी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस फिल्म के मेकर्स उन्हें फिल्म में नहीं लेना चाहते थे क्योंकि उनकी कोई स्टार वैल्यू नहीं थी.
इमरान खान ने अपने इंस्टाग्राम पर बेहद ही लंबा पोस्ट शेयर किया है. उन्होंने अपनी पोस्ट में बताया है कि फिल्म ‘जाने तू या जाने ना’ की शूटिंग खत्म होते ही उन्हें फिल्म किडनैप में निगेटिव रोल प्ले करने का ऑफर मिला. उन्होंने विलेन बनने के लिए ऑडिशन दिया था. यह ऑडिशन उनके लिए एक सुनहरा अवसर था.
कई सारे सितारों ने दिया था टेस्ट
उन्होंने लिखा,’ ‘मैं जाने तू की’ शूटिंग पूरी करने के करीब था… जब मुझे किडनैप के ऑडिशन के लिए बुलाया गया. निर्देशक संजय गढ़वी जो धूम और धूम-2 की बंपर सफलता के लिए फेमस थे. वहीं फिल्म में संजय दत्त के अपोजिट काम करने के लिए मेरे पास बड़ा अवसर था. कई युवा कलाकार कबीर और सोनिया की भूमिका के लिए तैयार थे. मिनिषा लांबा को लॉक करने से पहले मैंने कुछ एक्ट्रेस के साथ स्क्रीन टेस्ट किया था. इसके साथ ही कुछ कालाकारों ने भी अपना ऑडिशन दिया था .’
डबल सपोर्ट से मिला मौका
इमरान ने आगे अपनी पोस्ट में जो खुलासा किया वह काफी हैरान करने वाला है. उन्होंने आगे लिखा, जब किडनैप की शूटिंग हो रही थी, तब उनकी फिल्म ‘मैं जाने तू की’ अभी तक रिलीज नहीं हुई थी. इसलिए उन दिनों उनकी कोई स्टार वैल्यू नहीं थी. शायद यही वजह रही कि फिल्म मेकर्स उन्हें कास्ट करने के लिए बहुत उत्साहित नहीं थे. निर्देशक के दोहरे समर्थन की बदौलत मुझे यह भूमिका मिली. मैं इसके लिए लेखिका शिबानी बथिजा का आज तक आभारी हूं.
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नहीं देखा कभी पूरी स्क्रिप्ट
उन्होंने आगे पोस्ट में लिखा है कि शूटिंग करते वक्त या फिर पूरी होने के बाद भी उनके पास फिल्म की पूरी स्क्रिप्ट नहीं थी. उन्हें सिर्फ उन ही सीन को पढ़ने की अनुमति थी, जिसमें वह थे. उन सीन को शूटिंग के एक या फिर दो दिन पहले ही उन्हें उन सीन के प्रिंटआउट को दे दिया जाता था. उन्होंने बताया कि फिल्म की रिलीज तक विक्रांत रैना की कहानी मेरे लिए पूरी तरह से एक रहस्य थी! यह मेरे अनुभव से बहुत अलग कार्यशैली थी, और मैं अक्सर प्रोड्क्शन के वक्त काफी डरा रहता था.
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