सैनिक छावनी में बदलने की है पूरी तैयारी, इस राज्य में पहुंची पैरा-मिलिट्री की 150 कंपनी, आखिर क्या है…

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कोलकाता. लोकसभा चुनाव से पहले किसी भी प्रकार की अनहोनियों से निपटने के लिए चुनाव आयोग पहले से तौयारियों में लगा हुआ है. पिछले साल पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुए हिंसा को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की कम से कम 100 कंपनियां भेज दी है. एक अधिकार ीने बताया कि शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बल की 100 कंपनियां पहुंची है, जबकि कुछ और कंपनियां अगले हफ्ते के अंत तक पहुंच सकती हैं.

चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया कि 7 मार्च यानी अगले गुरुवार को 50 और कंपनियों के पहुंचने की संभावना हैं. उन्होंने आगे कहा कि, ‘केंद्रीय बलों की तैनाती की प्रक्रिया शुरू हो गई है. वे मुख्य रूप से विश्वास-निर्माण उद्देश्यों के लिए यहां हैं. सात मार्च तक अन्य 50 कंपनियों के आने की संभावना है.’ उन्होंने बताया, ‘शहर में सीएपीएफ की दस कंपनी तैनात की जाएंगी. उत्तर 24 परगना जिले में 21 और दक्षिण 24 परगना में नौ कंपनी तैनात की जा रही हैं.’

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अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय बलों की आठ कंपनी नादिया जिले में तैनात की जाएंगी, जबकि नौ कंपनी हावड़ा और हुगली जिलों में तैनात की जाएंगी. उन्होंने बताया कि चुनाव की घोषणा होने के बाद और केंद्रीय बल राज्य में आएंगे. एक कंपनी में औसतन 100 जवान होते हैं, तो बंगाल में अगर सेना की 150 कंपनी तैनात होती है, तो राज्य में कुल 15 हजार सैनिक होंगे.

Tags: Central Election Commission, Loksabha Elections, West bengal

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