सेना में अफसर बनने का सपना छोड़ बन गए न्यूरोसर्जन, डॉ शैलेश ऐसे कर रहें लोगों की सेवा
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कानपुर /अखंड प्रताप सिंह: कानपुर में एक न्यूरो सर्जन हैं, जिनका डॉक्टर शैलेश कुमार सिंह है. ये बेहद कम रुपये में लोगों का इलाज करते हैं. उन्होंने बताया कि वह सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने सैनिक स्कूल लखनऊ में दाखिला लिया और वहीं से पढ़ाई की. लेकिन, इसी दौरान उनके बड़े भाई मेडिकल की तैयारी कर रहे थे तो उनके मन में भी विचार आया और वह उनसे प्रेरित होकर मेडिकल की पढ़ाई करने लगे. इसके बाद उन्होंने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज कोयंबटूर से एमबीबीएस की पढ़ाई की. फिर उन्होंने अपनी मास्टर्स एमएस की पढ़ाई कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से की. और बीते 20 सालों से वह इसी तरीके से मेडिकल क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
कानपुर में न्यूरोलॉजी से जुड़े रोगों का इलाज करने के लिए बेहद कम ही न्यूरो सर्जन है. इसमें शैलेश कुमार सिंह सबसे प्रमुख न्यूरोसर्जन हैं, जो न्यूरो से जुड़ी गंभीर से गंभीर और जटिल से जटिल रोगों के सफल इलाज और सर्जरी के लिए जाने जाते हैं. कानपुर समेत आसपास के लगभग 15 से 20 जनपदों के लोग न्यूरो से जुड़ी अपनी समस्याओं के लिए डॉक्टर शैलेश कुमार सिंह के पास आते हैं. इसके साथ ही ट्रामा से जूझ रहे मरीजों के लिए भी बिना सर्जरी के उनको स्वस्थ करने में डॉक्टर शैलेश कुमार सिंह को महारत हासिल है.
शहीदों के परिवार को मुफ्त इलाज
बचपन से सेना में जाने की चाह और सेना के प्रति सम्मान की वजह से डॉक्टर शैलेश आज भी किसी भी डिफेंस में शहीद के परिवार का इलाज मुफ्त में करते हैं. इसके साथ ही कोई भी डिफेंस आर्म्ड फोर्सज, पुलिस समिति फोर्स से जुड़े लोगों और उनके परिवार वालों के लिए 50% की छूट उनके द्वारा दी जाती है.
गरीबों के लिए फरिश्ता
न्यूरोलॉजी का इलाज करना बेहद खर्चीला होता है. इसकी दवाई और मेडिकल उपकरण, जो इलाज में इस्तेमाल होते हैं वह भी बेहद महंगे होते हैं. इस वजह से लोगों के सामने न्यूरोलॉजी का इलाज कराना सबसे बड़ी समस्या होती है. लेकिन, डॉक्टर शैलेश कुमार सिंह द्वारा मरीजों को कम से कम पैसों में इलाज किया जाता है. इतना ही नहीं, गरीबों के लिए वह मुफ्त में भी इलाज करने के लिए जाने जाते हैं. जिनके पास इलाज करने के लिए पैसे नहीं होते हैं, तो उनका भी इलाज करते हैं. उनका कहना है कि पैसे के अभाव में लोग इलाज से वंचित न रहे. यह भी एक डॉक्टर का कर्तव्य होता है. इसके लिए वह दिन-रात काम करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : May 22, 2024, 15:38 IST
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