सर्दियों के मौसम में खाएं धीमी आंच में पकने वाला यह साग, ताजगी के साथ शरीर में बनी रहेगी गर्माहट, सेहत के लिए है रामबाण!
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रामपुर: सर्दियों में पहाड़ी इलाकों में राई का साग हर घर की रसोई में खास जगह बना लेता है. यह पारंपरिक व्यंजन न केवल स्वाद में बेजोड़ है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है. राई का साग बनाने के लिए ताजे पत्तों को उबालकर धीमी आंच पर पकाया जाता है. इसका स्वाद तब और निखरता है. जब इसे शुद्ध सरसों के तेल में छौंक लगाकर तैयार किया जाता है.
विटामिन और कैल्सियम से होती है भरपूर
राई के साग में विटामिन-A, C और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो ठंड के मौसम में शरीर को गर्माहट और ऊर्जा प्रदान करते हैं. इसे पकाने में खास ध्यान रखा जाता है कि पत्तों का प्राकृतिक स्वाद और पोषण बना रहे. साग के साथ अगर मक्के की रोटी और मक्खन हो, तो इसका मजा दोगुना हो जाता है.
राई का साग बनाने वाली गृहिणी ने बताया
गृहिणी मारिया फरहत बताती हैं कि राई का साग बनाने के लिए सबसे पहले ताजे राई के पत्तों को अच्छे से धोकर कच्चे बर्तन में उबालें. ध्यान रखें कि पत्ते ज्यादा उबालें नहीं, ताकि उनकी ताजगी और पोषण बना रहे. फिर इसे एक कढ़ाई में डालकर धीमी आंच पर पकाएं. अगर आपके पास मिट्टी के बर्तन नहीं हैं, तो लोहे की कढ़ाई में बना लें.
जानें साग रेसिपी
अब सरसों के तेल में हींग, लहसुन और लाल साबुत मिर्च का तड़का लगाएं. इस तड़के को साग में डालकर अच्छी तरह से मिला लें. यह तड़का साग का स्वाद और भी बेहतरीन बना देता है. धीरे-धीरे पकने दें, ताकि साग का पूरा स्वाद तेल में समा जाएं. कुछ लोग इसमें अदरक और मक्के का आटा भी डालते हैं, जो इसे और भी स्वादिष्ट बनाता है. इस साग का स्वाद जितना शुद्ध और देसी होता है, उतना ही सेहतमंद भी है.
गृहिणियों के लिए यह सलाह है कि साग पकाने के दौरान हमेशा कच्चे बर्तन का इस्तेमाल करें और साग को ज्यादा न उबालें. इससे साग का स्वाद और पोषण दोनों ही बरकरार रहते हैं. सर्दियों में यह साग न केवल शरीर को गर्माहट देता है, बल्कि यह एक सेहतमंद और स्वादिष्ट व्यंजन भी है.
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FIRST PUBLISHED : December 2, 2024, 14:24 IST
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