ये हैं गाजियाबाद के पढ़ाकू चाचा, उम्र ढल गई पर नहीं ढला पढ़ने का जज्बा… आज भी कई घंटों तक करते हैं पढ़ाई
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विशाल झा/गाज़ियाबाद: स्कूल, कॉलेज के बाद अच्छी नौकरी लगने पर काफी लोगों का पढ़ाई के प्रति झुकाव कम हो जाता है. करंट अफेयर्स भी सिर्फ उन छात्रों तक ही सीमित होकर रह जाता है जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे होते हैं. लेकिन गाज़ियाबाद के 68 वर्षीय नीरज शर्मा सभी के लिए एक मिसाल बने हुए है. उम्र ढलने के बाद भी पढ़ाई के प्रति उनका जज्बा नहीं ढला है.
नीरज शर्मा को लोग बृज अभिलाषी के नाम से भी जानते है. क्वालिफिकेशन की बात करें तो उन्होंने गणित से एमएससी की है. लेकिन गाज़ियाबाद के कंपनी बाग स्थित लाइब्रेरी में उनको छात्र पढ़ाकू चाचा के नाम से जानते है. अभिलाषी बताते हैं की पढ़ाई करना बहुत जरूरी है, क्योंकि ज्ञान की कोई सीमा नहीं है. कोई भी व्यक्ति संपूर्ण ज्ञान तो प्राप्त नहीं कर सकता, लेकिन जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके उसको उतनी तो पढ़ाई करनी ही चाहिए. पढ़ने से व्यक्ति के अंदर काफी संस्कार भी आते है. वो समाज में किसी तरह की अभद्रता नहीं करता है. समाज को मजबूत बनाने और आगे बढ़ाने में भी पढ़ा-लिखा व्यक्ति योगदान देता है. इसलिए मैंने पढ़ाई करने की परंपरा नहीं छोड़ी.
गणित में भी करते है छात्रों की मदद
नीरज बताते हैं कि वो नोट्स इसलिए बनाते है क्योंकि सार बहुत जरूरी है, ताकि मुझे याद रह सके. रोजाना किसी सरकारी नौकरी की तलाश में पढ़ने वाले छात्रों की तरह ही मैं घंटों लाइब्रेरी में पढ़ता हूं. और फिर नोट्स बनाकर उनको अपने पास रख लेता हूं. लाइब्रेरी में आने- जाने वाले बच्चे मुझे पढ़ाकू चाचा के नाम से जानते है. कई बार अगर किसी छात्र को गणित से जुड़ी कोई समस्या होती है तो मैं मदद कर देता हूं.
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