मल्लिकार्जुन के ‘मंत्र’ से निकली सुलह, जानिए सचिन पायलट को कांग्रेस में क्या मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी?

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Sachin Kharge मल्लिकार्जुन के 'मंत्र' से निकली सुलह, जानिए सचिन पायलट को कांग्रेस में क्या मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी?

हाइलाइट्स

पायलट बन सकते हैं पार्टी महासचिव और किसी राज्य के प्रभारी
एआईसीसी ने निकाला गहलोत-पायलट के सियासी संग्राम को हल
नए पदाधिकारियों की सूची में कई पायलट समर्थकों को मिली जगह

जयपुर. राजस्थान की अंदरूनी राजनीति को लेकर एआईसीसी (AICC) की दिल्ली में हुई बैठक का असर अब नजर आने लगा है. राजस्थान के सियासी संग्राम (Political war in Rajasthan) में लगातार बिना किसी पद के चल रहे सचिन पायलट (Sachin Pilot) को कांग्रेस अब केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी देने जा रही है. पायलट पार्टी की टॉप लीडरशिप (Top Leadership) वाली सुपर-40 टीम का हिस्सा बनेंगे और उन्हें किसी राज्य का प्रभारी भी बनाया जा सकता है. दिल्ली बैठक का एक अन्य असर पायलट खेमे के कई नेताओं को प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Pradesh Congress Committee) में भी शामिल करना है.

कांग्रेस आलाकमान अगले विधानसभा चुनाव के लिए राजस्थान में गहलोत और पायलट गुट दोनों को साधने की कवायद कर रहा है. इसके तहत दिल्ली की बैठक सभी गुटों को शामिल कर संदेश दे दिया गया कि एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर ही कांग्रेस को रिपीट किया जा सकता है.

भूलो, माफ करो आगे बढ़ो के मंत्र को माना
सचिन पायलट ने खुद बैठक में एकता पर जोर दिया. पिछले साल 25 सितंबर को उन्हें सीएम बनवाने जयपुर आए खरगे ने उन्हें पिछले बातों को भूलने, माफ करने और आगे बढ़ने की नसीहत दी. सचिन पायलट को भी लगा कि पांच साल से ज्यादा के संघर्ष के बावजूद राजस्थान में उन्हें सत्ता या संगठन में मनवांछित हासिल नहीं हो पाया है. गहलोत से खुलेआम बगावत के बावजूद वे सिर्फ अपने कुछ समर्थकों का भला करने के अलावा कुछ नहीं कर पाए हैं. आलाकमान के एक बार चाहने के बावजूद सीएम की कुर्सी उनसे दूर ही रही.

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पायलट को खरगे राष्ट्रीय राजनीति में लाएंगे
सूत्र बताते हैं कि ऐसे हालात में सचिन पायलट भी अब राजस्थान के साथ नेशनल लीडरशिप में सक्रिय होने का मानस बना रहे हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की टीम में पायलट को राष्ट्रीय महासचिव बनाने का निर्णय लगभग तय हो चुका है. इसके साथ ही उन्हें कांग्रेस की टॉप लीडरशिप वाली टीम में जगह मिल जाएगी. अगले साल लोकसभा चुनाव को देखते हुए उन्हें किसी बड़े राज्य के प्रभारी की कमान भी दी जाएगी. एआईसीसी के सूत्रों के मुताबिक पायलट को इशारों-इशारों में इस बारे में कांग्रेस नेतृत्व की ओर से बता भी दिया गया है.

प्रदेश में प्रभाव वाली सीटों पर रहेगा दखल
ऐसा भी नहीं है कि राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होने के बाद सचिन पायलट राजस्थान से कट जाएंगे. राजस्थान में उनकी सीधी भूमिका कुछ कम हो जाएगी, लेकिन उनके प्रभाव को देखते हुए पूर्वी राजस्थान समेत अन्य इलाकों में 40 से 45 महत्वपूर्ण सीटों पर प्रचार के लिए कांग्रेस उनको जिम्मेदारी सौंपेगी. नेशनल लीडरशिप में आने के बाद वे वैसे भी स्टार प्रचारकों की सूची में और पक्का स्थान बना लेंगे. इसके अलावा पायलट समर्थकों को टिकट वितरण में एडजस्ट किया जाएगा. वे सीटें जहां पायलट का प्रभाव है, वहां उनकी भी सहमति ली जाएगी.

पायलट समर्थकों को कांग्रेस कमेटी में मिली जगह
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को मुख्यधारा में लाने के लिए पार्टी के प्रयास राजस्थान कांग्रेस प्रदेश कमेटी के नए पदाधिकारियों के चयन में भी दिख रहे हैं. प्रदेश के लिए पार्टी ने पदाधिकारियों की जो लिस्ट जारी की है, उसमें दिल्ली बैठक का असर नजर आ रहा है. इसमें पायलट समेत सभी गुटों को साधने की कोशिश की गई है. इसमें मुकेश भाकर, इंद्राज सिंह गुर्जर, जीआर खटाना, राकेश पारीक और विभा माथुर को जिम्मेदारी दी गई है. यह ठीक है कि कांग्रेस में बदली परिस्थितियों में राजनीतिक रूप से सीएम गहलोत का पलड़ा भारी है, लेकिन अब पायलट को केंद्र में तवज्जो देकर दोनों के बीच पटरी बैठाने का बीच का रास्ता निकाल लिया है.

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