भारत की बड़ी छलांग, इस मामले में अगले साल हो जाएगा आत्मनिर्भर, बचेंगे करीब 750 करोड़
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नई दिल्ली. रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा है कि भारत 2025 के अंत तक यूरिया का आयात बंद कर देगा. देश में इतनी ज्यादा यूरिया खाद का उत्पादन होने लगेगा कि बाहर से यूरिया मंगाने की जरूरत ही नहीं होगी. मंत्री मंडाविया ने कहा कि देश में खेती के लिए उर्वरकों की उपलब्धता बहुत जरूरी है. मंडाविया ने कहा कि अब सरकार नैनो लिक्विड यूरिया और नैनो लिक्विड डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) जैसी वैकल्पिक खादों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि “वैकल्पिक खादों का उपयोग फसलों और मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है.
यूरिया खाद के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के बारे में पूछे जाने पर मंडाविया ने कहा कि मोदी सरकार ने यूरिया आयात पर निर्भरता खत्म करने के लिए दोतरफा रणनीति अपनाई है. मंडाविया ने इस बात पर रोशनी डाली कि सरकार ने चार बंद यूरिया कारखानों को फिर चालू किया है और एक अन्य बंद कारखाने को फिर से चालू करने पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत को सालाना लगभग 350 लाख टन यूरिया की जरूरत होती है. मंडाविया ने कहा कि स्थापित घरेलू उत्पादन क्षमता 2014-15 में 225 लाख टन से बढ़कर लगभग 310 लाख टन हो गई है.
2025 तक यूरिया का आयात खत्म
रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि मौजूदा वक्त में सालाना घरेलू उत्पादन और मांग के बीच का अंतर लगभग 40 लाख टन है. मंडाविया ने कहा कि पांचवें यूरिया कारखाने के चालू होने के बाद यूरिया की सालाना घरेलू उत्पादन क्षमता लगभग 325 लाख टन तक पहुंच जाएगी. सरकार का लक्ष्य 20-25 लाख टन पारंपरिक यूरिया के उपयोग को नैनो तरल यूरिया से बदलने का है. उन्होंने कहा कि हमारा एजेंडा बहुत साफ है. 2025 के अंत तक पीएम नरेंद्र मोदी यूरिया पर देश की आयात निर्भरता खत्म कर देंगे. जिससे यूरिया का आयात बिल जीरो हो जाएगा.
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यूरिया का आयात 75.8 लाख टन रहा
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2022-23 में यूरिया का आयात पिछले साल के 91.36 लाख टन से घटकर 75.8 लाख टन रह गया. 2020-21 में यूरिया आयात 98.28 लाख टन, 2019-20 में 91.23 लाख टन और 2018-19 में 74.81 लाख टन रहा. मंडाविया ने कहा कि केंद्र ने प्रमुख खादों पर सब्सिडी बढ़ाकर भारतीय किसानों को वैश्विक बाजारों में उर्वरकों की कीमतों में तेज बढ़ोतरी से भी बचाया है. 2024-25 के लिए सरकार ने 2023-24 वित्तीय वर्ष के लिए 1.89 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान के मुकाबले 1.64 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी आवंटित की है. 2022-23 में उर्वरक सब्सिडी बढ़कर 2.55 लाख करोड़ रुपये हो गई.
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Tags: Agriculture, India agriculture, Mansukh Mandaviya, Urea production
FIRST PUBLISHED : April 6, 2024, 18:38 IST
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