दो-चार नहीं 18 तरीके के होते हैं लोन, आपको कितना पता, बैंक जाने से पहले ले लीजिए पूरा ज्ञान, आएगा बहुत काम

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bank loan दो-चार नहीं 18 तरीके के होते हैं लोन, आपको कितना पता, बैंक जाने से पहले ले लीजिए पूरा ज्ञान, आएगा बहुत काम
सेल्‍फ एम्‍प्‍लॉइड बिजनेस लोन खासतौर से बिजनेस करने वालों के लिए बना है. इसके लिए बिजनेस से जुड़े डॉक्‍यूमेंट देने होते हैं, जैसे इनकम टैक्‍स रिटर्न, बैंक स्‍टेटमेंट व अन्‍य फाइनेंशियल डॉक्‍यूमेंट. इसका इस्‍तेमाल कारोबार बढ़ाने या फिर नया बिजनेस शुरू करने में किया जा सकता है.

बैंक व्‍यक्तिगत रूप से बिना कोई कोलैटरल के अनसिक्‍योर्ड पर्सनल लोन जारी करता है. इसका इस्‍तेमाल कर्ज लेने वाला अपनी मर्जी से कहीं भी कर सकता है. यह लोन आपकी कमाई और क्रेडिट स्‍कोर पर निर्भर करता है. लिहाजा ब्‍याज दरें ज्‍यादा होती हैं. किसी तरह का कोलैटरल यानी गिरवी रखने पर बैंक सिक्‍योर्ड पर्सनल लोन जारी करते हैं. इसके लिए बैंक के पास प्रॉपर्टी, एफडी या गोल्‍ड को गिरवी रखना पड़ता है. कोलैटरल की वजह से बैंक इस तरह के लोन पर ब्‍याज दरें कम रखते हैं. इसमें लोन का पैसा गिरवी रखी चीजों के अनुपात में ही तय किया जाता है. खास तरह का लोन है पर्सनल लाइन ऑफ क्रेडिट, जो बैंक किसी ग्राहक को पहले ही अप्रूव्‍ड करके देते हैं. इसमें लोन की राशि भी पहले से तय होती है, जिसे जरूरत के हिसाब से इस्‍तेमाल किया जा सकता है. इसमें बैंक एक क्रेडिट लाइन तय करते हैं और ग्राहक अपनी जरूरी के हिसाब से उसमें से पैसा निकाल सकते हैं. जितना पैसा इस्‍तेमाल करेंगे, उसी पर ब्‍याज लिया जाएगा. सिर्फ नौकरी करने वालों को सैलरी एडवांस लोन मिलता है. इसमें सैलरी आने से पहले ही आप अपनी सैलरी का पैसा एडवांस के तौर पर ले सकते हैं. इसका इस्‍तेमाल इमरजेंसी में पैसों की जरूरत होने पर किया जा सकता है. इसकी ब्‍याज दरें ज्‍यादा होती हैं. कुछ एम्‍प्‍लॉयर भी अपने कर्मचारियों को एडवांस सैलरी का ऑप्‍शन देते हैं, जिस पर कोई ब्‍याज भी नहीं लिया जाता है. खासतौर से वेडिंग के लिए बैंक वेडिंग लोन देते हैं. इसमें वेन्‍यू बुकिंग, कैटरिंग, डेकोरेशन और कपड़ों जैसे खर्चे शामिल होते हैं. इसका मतलब है कि शादी में खर्चे की टेंशन लेने के बजाए बैंक से वेडिंग लोन लेना बेहतर होगा. बेहतर होगा कि लोन से पहले उसके चुकाने का प्‍लान बना लेना चाहिए. इलाज के लिए अस्‍पताल के खर्चे उठाने या फिर किसी ऑपरेशन में लगने वाले पैसों का बोझ उठाने के लिए मेडिकल लोन लिया जाता है. इसमें अस्‍प्‍ताल का खर्च, सर्जरी, डॉयनोस्टिक व अन्‍य मेडिकल खर्चे शामिल होते हैं. पढ़ाई और रहन-सहन, किताबें व अन्‍य खर्चों के लिए एजुकेशन लोन का इस्‍तेमाल किया जाता है. इसमें स्‍कूल की फीस भी शामिल होती है. यह ग्रेजुएट से लेकर पोस्‍ट ग्रेजुएट और प्रोफेशनल कोर्सेस के लिए भी मिलता है. इसमें कोर्स की पढ़ाई होने तक मोरेटोरियम भी मिलता है और कई बैंक ब्‍याज पर सब्सिडी भी देते हैं. दुनिया घूमने का सपना देखने वालों को भी बैंक निराश नहीं करते. इसके लिए बैंक ट्रैवल लोन ऑफर करते हैं. इसमें फ्लाइट टिकट, रहने, वीजा फीस के अलावा अन्‍य तरह के खर्चे शामिल होते हैं. इसके लिए बैंक रीपेमेंट की एक निश्चित अवधि तय करते हैं और इसकी ब्‍याज दरें कुछ ज्‍यादा होती हैं. अगर किसी के ऊपर एकसाथ कई तरह का लोन चल रहा है तो वह सभी को मिलाकर एक ही लोन में बदलवा सकता है. इसे ही डेब्‍ट कंसोलिडेशन लोन कहते हैं. इसके जरिये लोन की ब्‍याज दर घटाने के साथ एक ही जगह सभी तरह की ईएमआई भी जमा की जा सकती है. दिवाली या त्‍योहार पर अपने घर की मरम्‍मत करानी है अथवा पुताई या डिजाइन बदलना है तो इसके लिए बैंक से होम रेनोवेशन लोन लिया जा सकता है. इसमें किचन को मॉडुलर कराना या बाथरूम को अपग्रेड करने जैसे बदलाव शामिल होते हैं. यह सिक्‍योर्ड और अनसिक्‍योर्ड दोनों तरह का होता है. इसी आधार पर ब्‍याज दरें भी तय होती हैं. अगर आपको इलेक्‍टॉनिक सामान खरीदना है जैसे टीवी, फ्रिज, एसी, स्‍मार्टफोन, लैपटॉप या फिर घर का फर्नीचर तो कंज्‍यूमर ड्यूरेबल लोन का इस्‍तेमाल कर सकते हैं. इसमें ब्‍याज और रीपेमेंट की अवधि लोन की राशि पर निर्भर करती है. स्‍मॉल पर्सनल लोन एक तरह का शॉर्ट टर्म लोन होता है, जिसमें कम अमाउंट डिस्‍बर्स किए जाते हैं. इसका इस्‍तेमाल आपात खर्च के लिए कर सकते हैं. यह भी एक तरह का अनसिक्‍योर्ड पर्सनल लोन है, लिहाजा इस पर भी ब्‍याज दरें ज्‍यादा ही रहती हैं. ऐसे ग्राहक जो यूज्‍ड कार खरीदने की प्‍लानिंग करते हैं, उन्‍हें बैंक इस तरह का लोन ऑफर करते हैं. सेकंड हैंड कार खरीदने के लिए आप बैंक से यूज्‍ड कार लोन ले सकते हैं. इस पर ब्‍याज दर बहुत ज्‍यादा नहीं होती और कार की कीमत, उसकी कंडीशन के हिसाब से लोन का अमाउंट तय होता है. गोल्‍ड पर्सनल लोन पूरी तरह सिक्‍योर्ड लोन है, जो सोने के आभूषण के बदले दिए जाते हैं. बैंक कोलैटरल के तौर पर आपका सोना गिरवी रखते हैं और तत्‍काल फंड उपलब्‍ध करा देते हैं. लोन का अमाउंट सोने की बाजार कीमत का करीब 70 फीसदी तक रहता है. तत्‍काल पैसों की जरूरत है तो यह काफी काम का लोन है. लाइन ऑफ क्रेडिट किसी बिजनेस या पर्सनल व्‍यक्ति को दिया जाता है. इसमें पहले ही लोन की राशि तय हो जाती है यानी क्रेडिट लाइन पहले ही निर्धारित हो जाती है. ग्राहक को जितनी जरूरत होगी, उतना ही पैसा निकालेगा और उसी हिसाब से ब्‍याज दरें भी तय की जाती हैं.हो जाती है. यानी बैंक आपके क्रेडिट कार्ड लिमिट के आधार पर पहले ही एक क्रेडिट लाइन बना देते हैं. इसमें तय की गई राशि तक लोन जब चाहें आप ले सकते हैं. आपके पास क्रेडिट कार्ड हैं तो उस पर भी आपको लोन मिल सकता है. बैंक की ओर से इस लोन की राशि पहले ही तय हो जाती है. यानी बैंक आपके क्रेडिट कार्ड लिमिट के आधार पर पहले ही एक क्रेडिट लाइन बना देते हैं. इसमें तय की गई राशि तक लोन जब चाहें आप ले सकते हैं.

कोरोनाकाल के बाद से देश में लोन ऐप्‍स काफी बढ़ गए हैं. इन ऐप्‍स पर आपको तत्‍काल लोन का पैसा मिल जाता है. इसकी सारी प्रक्रिया डिजिटल तरीके से होती है और डॉक्‍यूमेंट से लेकर प्रोसेसिंग और पैसे का डिस्‍बर्सल तक सब डिजिटल तरीके से पूरा हो जाता है. ज्‍यादा डॉक्‍यूमेंट की जरूरत भी नहीं रहती है.

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