जुगाड़ हो तो ऐसा… किसान ने बनाई पेस्टिसाइड स्प्रिंकलर मशीन, अब चुटकी में होगा घंटों का काम, जानें कीमत
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मेघा उपाध्याय/ इंदौर/धार. इन दिनों मध्य प्रदेश के इंदौर के खंडवा रोड से सटे शिवनगर गांव में एक बहुत ही ट्रेंडिंग तकनीक किसानों के बीच प्रसिद्ध हो चुकी है. हालांकि यह कोई बड़ी कंपनी या ब्रांड द्वारा बनाई गई मशीन नहीं बल्कि किसानों के अपने ही जुगाड़ का परिणाम है. दरअसल अब तक आपने पेस्टिसाइड उड़ाने के मैनुअल पंप तो बहुत देखे होंगे जो पीठ पर बांधे जाते हैं और उसमें पेस्टिसाइड भरकर पूरे दिन धूप में घूमते हुए खेतों में दवाई का छिड़काव किया जाता है. हालांकि इस तरीके में मेहनत और समय भी काफी लग जाता है. इसके अलावा किसानों को बहुत परेशानी आती है. इसी परेशानी से बचने के लिए किसानों ने अपना एक जुगाड़ आजमाया है. खास बात यह रही कि वह सफल भी हो चुका है. आइए हम आपको बताते हैं जुगाड़ से बनाये गए हैंडमेड पेस्टिसाइड पंप के बारे में.
किसानों के मुताबिक, खेतों में जब भी फसल उगाई जाती है तो उसको कीड़े द्वारा नष्ट होने का खतरा होता है. इसी कारण खेतों में आमतौर पर पेस्टिसाइड छिड़का जाता है. समय समय पर किसान इसकी तैयारी करता है, लेकिन भारत में मैनुअल पंप ही सबसे ज्यादा बिकता है और उसी का इस्तेमाल किसान करते हैं. हालांकि काफी तकनीकी पंप मार्केट में मौजूद हैं, लेकिन वे बहुत ही महंगे होते हैं.
किसान ने लगाया जुगाड़
छोटी खेती वाले किसान महंगे उत्पाद को नहीं खरीद पाते तो जुगाड़ से एक पंप बनाया है. किसानों ने एक पुरानी गाड़ी पर बड़ा सा डंडा बांधकर उसमें स्प्रिंकलर लगाए और उस गाड़ी को खेत में घुमा कर बहुत ही कम समय में पेस्टिसाइड का छिड़काव कर दिया गया. साथ ही इस पंप को बनाने में हर एक बारीकी का ध्यान भी रखा गया है जैसे कि टायर को बहुत ही पतला रखा गया जिससे कि वह फसल को नुकसान ना पहुंचाए.
बता दें कि जैसे-जैसे यह बात किसानों के बीच फैल रही है वैसे-वैसे हर एक किसान अपने लिए इस पंप को बनाने में लगा हुआ है. इसमें इस्तेमाल होने वाले सामान आसपास मिल जाते हैं. और तो और इसमें जिस गाड़ी (बाइक) का इस्तेमाल किया जाता है वह भी पुरानी होती है. इसके अलावा पेस्टिसाइड पानी में मिलाकर भरने के लिए रेगुलर पानी की टंकी का उपयोग किया जाता है. किसानों के मुताबिक, अगर आपके पास पुरानी बाइक है तो आप सिर्फ 5 हजार रुपये खर्च कर ये जुगाड़ वाला पंप बना सकते हैं. बता दें कि इस तकनीक का धार के गुलवा गांव के एक मैकेनिक ने आइडिया दिया था.
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Tags: Agriculture, Farmers, Indore news, Local18
FIRST PUBLISHED : July 12, 2023, 16:43 IST
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